Breastfeeding protects against the diarrhea, pneumonia and malnutrition
अशफांक खां की रिपोर्ट
लखनऊः शिशुओं के लिए स्तनपान सबसे अच्छा आहार है तथा उनका मौलिक अधिकार भी है । माँ का दूध शिशु के सम्पूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ शिशु को डायरिया, निमोनिया और कुपोषण से बचाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश द्वारा जारी एक पत्र के हवाले “माँ” कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश की समस्त चिकित्सा इकाइयों पर स्तनपान संबंधी व्यवहार को प्रोत्साहित करने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं । शिशुओं मे स्तनपान और छः माह बाद पूरक आहार को बढ़ावा देने के लिए “माँ” कार्यक्रम चलाया जा रहा है । इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के सभी जनपदों मे मेडिकल ऑफिसर एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का स्तनपान और पूरक आहार संबन्धित व्यवहारों पर क्षमता वर्धन किया गया है । पत्र के हवाले से बताया गया है कि पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस 2017 की रिपोर्ट के अनुसार जन्म के एक घंटे के अंदर नवजात शिशु को स्तनपान कराने से नवजात मृत्यु दर मे 33 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है तथा लैनसेट स्टडी मैटरनल एंड चाइल्ड न्यूट्रीशन सीरीज 2008 के अनुसार छः माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराने से दस्त रोग मे 11 प्रतिशत तथा निमोनिया के खतरे मे 15 प्रतिशत तक कमी लायी जा सकती है । आंकड़ों पर गौर करें तो नेशनल फेमली हैल्थ सर्वे 2016 के अनुसार प्रदेश मे एक घंटे के अंदर स्तनपान की दर 25.2 है वहीं जनपद बहराइच की 22.8 प्रतिशत है एवं छः माह तक केवल स्तनपान की दर प्रदेश की 41.6 तथा जनपद बहराइच की 51 प्रतिशत है । पत्र मे कहा गया है कि उक्त आंकड़े चिंताजनक हैं इसलिए अनिवार्य है कि सभी स्वास्थ्य इकाइयों मे प्रत्येक स्तर पर स्तनपान संबन्धित व्यवहारों को मजबूत किया जाय और सभी चिकित्सा इकाइयों को बेबी फ्रेंडली बनाते हुये स्तनपान के व्यवहारों को बढ़ावा दिया जाए।