DC exhorts academicians and intellectuals to preserving Punjabi language, art and culture
Presides over inaugural function of International Punjabi Literature Festival
डिप्टी कमिश्नर ने बुद्धिजीवियों एवं विद्वानों को मातृभाषा, कला और संस्कृति के सरंक्षण के लिए किया आह्वान
इंडिया न्यूज सेंटर,जालन्धरः डिप्टी कमिश्नर जालंधर वरिन्दर कुमार शर्मा ने बुद्धिजीवियों, विद्वानों को न्योता दिया है कि वह पंजाब के अमीर संस्कृति, विरासत और मातृभाषा की सरंक्षण और पसार के लिए प्रमुख भूमिका निभायें। स्थानीय एच.एम.वी कॉलेज में अंर्तराष्ट्रीय लिटरेचर फेस्टिवल के उद्घाटन के दौरान संबोधन करते हुए डिप्टी कमिशनर ने कहा कि युगों-युगों से ही पंजाब पूरी दुनिया में सभ्यता और संस्कृति के रखवाले के तौर पर प्रमुख भूमिका निभा रहा है। उन्होने कहा कि हमारी मातृभाषा पंजाबी दुनिया भर की सब से मीठी भाषा है, जिसके और प्रचार और पसार के लिए बडे प्रयास किये जाने चाहिएं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि बुद्धिजीवियों और अकादमिक क्षेत्र की तरफ से पंजाबी की महत्ता, उच्च रुतबो के बारे में विशेष जागरूकता मुहिम चलानी चाहिए जिससे हमारी नई पीढी अपनी मातृभाषा पर गर्व महसूस करें। उन्होने नौजवान पीढियों को याद दिलाया कि मातृभाषा से संबन्धित किसी भी तरफ की निर्पेक्षता मानव की सामाजिक पहचान को खत्म कर देती है। श्री शर्मा ने कहा कि परमात्मा ने पंजाबियों को मेहनत करने की बेमिसाल भावना दी है जिस से उनको जिंदगी में हमेशा सफलता मिलती है। डिप्टी कमिश्नर ने उम्मीद जताई कि पंजाबी मातृभाषा, कला और संस्कृति को बचाने और संभाल के लिए अंथक प्रयास करेंगे। उन्होने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार और पंजाब साहित्य अकैडमी की तरफ से इस समागम के आयोजन के फैसले की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर कालेज की प्रिंसिपल डा. अजय सरीन ने आए हुए गणमान्य व्य1ितयों का स्वागत किया। इस अवसर पर पंजाब साहित्य अकादमी के प्रधान डा. सरबजीत कौर, पंजाब संगीत नाटक अकैडमी के प्रधान श्री केवल धालीवाल, डा. आतमजीत, डा. एम.एस शर्मा, डा. रवेल सिंह, डा. सतीश वर्मा, डा. ज्ञान सिंह कंग, डा. नवरूप कौर उपस्थित थे।