इंडिया न्यूज सेंटर, लखनऊ। उत्तर रेलवे के इंडोर अस्पताल में इंसानियत को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। एक डॉक्टर के सामने मरीज तड़प-तड़प कर मर गया और डॉक्टर मोबाइल में गेम खेलता रहा। मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर जमकर बवाल काटा।फैजाबाद निवासी रेलकर्मी मथुरा प्रसाद पांडेय मुगलसराय में सीनियर लोको इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए थे। उन्हें दिल व गुर्दे की बीमारी थी। फैजाबाद में उनका इलाज चल रहा था। उनके बेटे ह्रदयनारायण पांडेय ने बताया कि 20 दिन पहले उन्हें इलाज के लिए राजधानी लाया गया था। यहां अवध हॉस्पिटल के आईसीयू में उन्हें 15 दिन भर्ती रखा गया। मथुरा प्रसाद ने अपने बेटे से रेलवे अस्पताल में इलाज करने की बात कही। बेटे ह्रदयनारायण ने भी यही बेहतर समझा और फैजाबाद जाकर उत्तर रेलवे के इंडोर अस्पताल के लिए उन्हें रेफर करवाया। गुरुवार शाम को फैजाबाद से एंबुलेंस में उन्हें लेकर निकले और रात नौ बजे अस्पताल पहुंचे। यहां पहुंचने पर जब ह्रदयनारायण ने अपने पिता को देखने की बात कही तो डॉ. रक्षित अपने मोबाइल पर वीडियो गेम खेलता रहा। कई बार कहने पर भी वो अनसुना कर गेम में लगा रहा। इतने में बहुत टाइम बीत गया और उनके पिता की दिक्कतें बढऩे लगीं। उन्हें जब ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी तब वो भी नहीं मिल पाया। इस वजह से मथुरा प्रसाद पांडेय ने बिना ऑक्सीजन के तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। मरीज की मौत के बाद जब परिवारीजनों ने अस्पताल में हंगामा व रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू की तो डॉ. रक्षित भाग गए। इस दौरान तीमारदार व डॉक्टरों के बीच हाथापाई तक हुई। इस मामले की तहरीर दी गई है और रेलवे अफसरों से भी शिकायत की गई है।