इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: गुजरात पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दावा किया कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति ने एनजीओ को मिले पैसे को व्यक्तिगत तौर पर खर्च किया है। पुलिस ने कहा है कि साल 2002 के गुजरात दंगे में पीडि़त लोगों के कल्याण के लिए मिले 9.75 करोड़ रुपए डोनेशन में से 3.85 करोड़ रुपए निजी कार्यों में खर्च किए हैं। 83 पेज के एफिडेविट में असिस्टेंट कमिश्नर राहुल बी पटेल ने सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद और उनके ट्रस्ट (सेंटर फॉर जस्टिस एंड पीस और सबरंग) के असहयोग के बारे में विस्तृत उल्लेख किया है। उन्होंने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि पुलिस ने उनसे गुलबर्ग सोसायटी के दंगा पीडि़तों की शिकायतों की जांच के लिए दस्तावेज मांगे थे। बता दें कि तीस्ता और उनके पति ने आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए अभियान छेड़ा हुआ है। गुजरात पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी कि साल 2007 से 2014 तक उनकी टीम ने सीतलवाड़, उनके पति, सीजेपी और सबरंग के बैंक खातों की जांच की। उन्होंने दावा किया कि सीजेपी और सबरंग में इस दौरान कुल 9.75 करोड़ रुपए दान मिले। उन्होंने दावा किया कि इस रकम में से 3.85 करोड़ रुपए उन्होंने निजी चीजों में खर्च कर दिया। पुलिस का यह भी आरोप है कि फरवरी 2011 से जुलाई 2012 तक इनके एनजीओ को एचआरडी मंत्रालय की तरफ से 1.40 करोड़ रुपए मिले। दोनों ने इसका भी इस्तेमाल निजी खर्चों में कर दिया।