इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: घने कोहरे के लिए रेल यातायात और ट्रेनों की रफ्तार को दुरुस्त रखने के लिए रेलवे को त्रिनेत्र यंत्र के सफल परीक्षण का इंतजार है। दावा किया जा रहा है कि इसकी सफलता से घने कोहरे में ट्रेन 30 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी। यह यंत्र हाई रेजोल्यूशन ऑप्टिकल वीडियो कैमरा, हाई सेंसेटिव इंफ्रारेड वीडियो कैमरा से निर्मित है। इसकी खासियत यह है कि राडार आधारित मैपिंग सिस्टम प्रणाली से लैस है जो घने कोहरे में भी ट्रेन के ड्राइवरों को बेहतर दृश्यता उपलब्ध कराएगी। हालांकि इसके दो परीक्षण सफल होने के बाद तीसरा परीक्षण साथ नहीं दे रहा है, जिसके कारण ट्रायल के दौरान लोको पायलटों को सामने पड़ी वस्तुओं की दूरी भांपने में मुश्किल हो रही है। रेलवे ने दावा किया है कि घने कोहरे में भी त्रिनेत्र डिवाइस बेहतर दृश्यता प्रदान करेगी। इसके तीनों संघटक चालक के तीन नेत्रों की तरह काम करेंगे। कैद तस्वीरों के संयोजन से खराब मौसम में भी चालकों को कंप्यूटर मॉनीटर के डिस्प्ले से रास्ते की जानकारी होगी। इसके अलावा कोहरे, भारी बारिश, अंधेरी रात के दौरान भी लोकोमोटिव पायलटों को ट्रैक पर फंसे वाहनों, पेड़ों, बोल्डरों की जानकारी मिलेगी। चालक को यह सूचना भी मिलेगी कि स्टेशन या सिग्नल के पास ट्रेन पहुंच रही है। इस डिवाइस से घने कोहरे में भी ट्रेन 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी। अभी घने कोहरे में ट्रेन 8-10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से रेंगती है।