इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: इस बार दिवाली महालक्ष्मी पद्मयोग में मनेगी। दिवाली को सूर्य और बुध की युति बनने से बुधादित्य योग बना है। बुधादित्य को राजयोग का कारक माना जाता है। इस दौरान किए गए कार्य से सिद्धि प्राप्त होती है। दिवाली को सूर्य और बुध की युति बनने से बुधादित्य योग बना है। यह स्थिति आमजनों व व्यापारियों के लिए विशेष लाभदायक है। धन की देवी महालक्ष्मी का पूजन दिवाली पर सुख-समृद्धि और वैभव प्रदान करने वाले बुधादित्य योग में होगा। दिवाली पर बन रहा योग जनसामान्य को विशेष फल प्रदान करेगा। दिवाली की पूजा स्वाति नक्षत्र में होगी। इसका स्वामी राहू है जो कि सिद्धि देने वाला होता है। महालक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त सभी वर्ग के लिये अलग अलग रहेंगे।
ये हैं मुहूर्त
कृषक वर्ग के लिये महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त:- प्रात: 9 बजकर से 12 बजकर मिनट तक लाभ अमृत का चौघडिय़ा रहेगा तथा प्रात: वृश्चिक स्थिर लग्न 7:46 से 10:02 तक रहेगी।
कर्मचारी(सभी प्रकार की नौकरी करने वालों के लिये)के लिये मुहूर्त:- कुम्भ लग्न- दोपहर में 1 बजकर55 मिनट से दोपहर 3:28 बजे तक रहेगा । दोपहर में 1:30 बजकर 3 बजे तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा।
व्यापारी व सभी व अन्य सभी गृहस्थों के लिये महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त:- वृषभ लग्न शाम को 6:39 बजे से 8 बजकर 37 मिनट तक व सायं 5 बजकर 5 मिनट से रात्रि 7 बजकर 30 मिनट तक। प्रदोष काल में पूजन कार्य शुभ रहेगा व शाम को 6 से 9 बजकर शुभ व अमृत रहेगा व 9 से 10:30 तक चर।
व्यापारी व तांत्रिक साधना के लिये शुभ मुहूर्त:- निशिथ काल- रात्रि 11 बजकर 55 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। सिंह लग्न-मध्यरात्रि (अर्धरात्रि) में 1:30बजकर 3 बजे तक रहेगा।