इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की नेतृत्व में सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्य समिति) की बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया। सीडब्ल्यूसी की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष एम रामचंद्रन ने प्रक्रिया शुरू की। इस चुनाव प्रक्रिया के आधार पर पांच दिसंबर तक राहुल गांधी के निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए जाने की उम्मीद है। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार एक दिसंबर को इसकी अधिसूचना जारी होगी। चार दिसंबर को शाम तीन बजे तक अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। दाखिल नामांकन की वापसी तथा स्क्रूटनी के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय की गई है। एक से अधिक नामांकन आने की दशा में 11 दिसंबर सायं तीन बजे तक आवेदनकर्ता अपना नाम वापस ले सकते हैं। इसके बाद 11 दिसंबर को चार बजे तक कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी। जरूरी होने पर 16 दिसंबर को मतदान तथा 19 दिसंबर को मतों की गणना किए जाने का कार्यक्रम है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी के नए, पुराने सभी नेता एक सुर से राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। ऐसे में राहुल गांधी के विरुद्ध किसी कांग्रेस सदस्य के खड़े होने के बिल्कुल भी आसार नहीं हैं। हालांकि राहुल गांधी चाहते हैं कि बाकायदा चुनाव हो, यदि कोई साथी चुनाव लड़ने का इच्छुक हो तो वह नामांकन करे और निष्पक्ष तरीके से इसकी प्रक्रिया के बाद अध्यक्ष चुना जाए। पिछले साल भी उन्होंने सीडब्ल्यूसी की बैठक में खुद को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा पर यही प्रतिबद्धता दोहराई थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी में कोई भी चेहरा अभी तक राहुल गांधी को चुनौती देने के लिए तैयार नहीं है। वह निर्विरोध चुने जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि विरोध में किसी के नामांकन न करने की दशा में दिसंबर के पहले सप्ताह में ही पांच दिसंबर को राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय हो जाएगा।
गुजरात विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर
राहुल के अध्यक्ष के तौर पर आगे आने के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार पर इसका असर पड़ने की पूरी संभावना है। कुछ दिन पहले एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने राहुल की लोकप्रियता के संदर्भ में कहा था कि उनकी लोकप्रियता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घबरा रहे हैं। शरद यादव का यह बयान यूं ही नहीं आया था। शरद पवार के बारे में सभी जानते है कि वह राजनीति में उड़ती चिडि़या का पंख देखकर उसकी मंजिल जान लेते हैं। यानी राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बन जाने के बाद न केवल अन्य राजनीतिक दलों में उनकी स्वीकार्यता काफी अधिक बढ़ जाएगी, बल्कि युवा कांग्रेसी कार्यकर्ता तथा अन्य में उत्साह भी बढ़ेगा। राहुल गांधी पर नकारात्मक और ओछी राजनीतिक हमले में कमी आएगी। राजनीतिक दल के पद और गरिमा के अनुरूप उनके संबोधन में वजन बढ़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन सबका गुजरात के विधानसभा चुनाव प्रचार पर भी असर पड़ेगा।