इंडिया न्यूज सेंटर, देहरादून: रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए नए नोट दृष्टिहीनों के लिए मुसीबत बन गए हैं। दृष्टिहीन 2000 रुपये को नोट को 20 और 500 रुपये को 10 रुपये का समझ रहे हैं। यह समस्या नोट के छोटे साइज की वजह से आ रही है। अब तक प्रचलित भारतीय नोटों की खासियत यह रही है कि मूल्य बढऩे के साथ-साथ उनका साइज भी बढ़ता जाता था, दृष्टिहीन इसी साइज के आधार पर नोटों की कीमत का अनुमान लगाते थे। दृष्टिहीनों को इन नए नोटों से परिचित कराने के क्रम में राष्ट्रीय दृष्टिबाधित संस्थान(एनआईवीएच) में यह समस्या सामने आई है। संस्थान ने इस बाबत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भी पत्र लिखा है। एनआईवीएच इंटर कॉलेज के प्राचार्य कुलबीर सिंह ने बताया कि दृष्टिबाधितों को जब 500 रुपये के नए नोट दिए गए थे, उनमें से कुछ ने उसे 10 तो कुछ ने 20 रुपये के रूप में पहचाना। प्रशिक्षणार्थी दृष्टिहीन अंकित कहते हैं कि नए नोट के बारे में हमें लगातार बताया और समझाया तो जा रहा है लेकिन अब भी हाथ में पकडक़र इसकी पहचान में मुश्किल हो रही है। इसका छोटा साइज होने की वजह से अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं।