-स्पीकर के बैंस तथा खैहरा को बाहर का रास्ता दिखाने से अारंभ हुअा विवाद
-सुखबीर बोले विधायकों को है विरोध जताने का अधिकार, स्पीकर कर रहे हैं डिक्टेटर की तरह व्यवहार
इंडियन न्यूज सेंटर, चंडीगढ़।
विधानसभा लड़ाई का अखाड़ा बन कर रह गई है। सदन की कार्रवाई शुरु होते ही हंगामा शुरु हो जाता है अौर नेता एक दूसरे से उलझते नजर अाते हैं। इस दौरान हुई झड़पों के चलते आप मैंबर सरबजीत मनुके बेहोश हो गईं। विधानसभा के 7वें दिन उस समय हंगामा हो गया जब स्पीकर केपी राणा ने अाप नेता सुखपाल खैहरा तथा लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत बैंस को विधानसभा के अंदर अाने की मनाही कर दी। उन्होंने मार्शल को अादेश दिए कि दोनों को अंदर न अाने दिया जाए। राणा की इस बात का एेतराज जताते हुए दोनों नेता विस की बिल्डिंग के बाहर धरने पर बैठ गए । अपने फेसबुक पेज पर वीडियो अपलोड कर खैहरा ने अारोप लगाया कि स्पीकर ने अोरल अादेश दे हमें अंदर न अाने के अादेश दिए जो बिलकुल गलत है।
यही नहीं अाप विधायकों द्वारा किए गए विरोध के बाद उन्हें पकड़ कर पूरे दिन के लिए सदन से मार्शलों ने जबरी उठाकर बाहर फैंका। इसके बाद अकाली दल ने भी वॉकआऊट किया। फिर आप और अकाली दल के मैंबर मिल कर मार्शलों का घेरा तोड़ सदन में जबरी दाखिल होने की कोशिश करने लगे जिस दौरान धक्की मुक्की हुई अौर विधायकों की पगड़ी उतर गई। इस दौरान विधायकों ने मार्शलों द्वारा पगड़ी उतारने तथा ककारों की बेअदबी का अारोप लगाया। इस दौरान तीखी झड़पें हुई। मायक टूटे यहीं नहीं टेबल तक उखाड़ दिए गए। इसके बाद अकाली दल के विधायकों ने भी सदन का बहिष्कार कर नारेबाजी की। उन्होंने विपक्ष के प्रति सत्तापक्ष के रवैये का विरोध किया और सदन से वाक आउट किया। अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल ने कहा एमएलए को अपना विरोध जताने का अधिकार है। ऐसे में इस तरह का सुलूक कतई उचित नहीं है। स्पीकर डिक्टेटर की तरह व्यवहार कर रहे हैं। सुखबीर ने ये भी कहा कि ये कहा की सभ्यता है कि सिख की पगड़ी उछाली जाए और महिला सदस्यों की चुन्नी खिंची जाए। पंजाब विधान सभा ने अकाली विधायक पवन कुमार टीनू के खिलाफ 21 जून को प्रश्नकाल के दौरान विघ्न डालने के लिए निंदा प्रस्ताव पास किया।