NADDA’S ATTACK ON RAHUL DESPERATE BID TO DISTRACT PUBLIC ATTENTION FROM GOVT’S FAILURE IN GALWAN, SAYS CAPT AMARINDER
· CITES PERSONAL EXPERIENCE TO NOTE STANDING COMMITTEE NOT RELEVANT TO ON-GROUND DECISIONS
‘‘जमीनी स्तर के फैसले लेने में स्टैंडिंग कमेटी की प्रासंगिकता नहीं, यह मेरा निजी तजुर्बा’’
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा भारत-चीन के बीच गतिरोध के मुद्दे पर राहुल गांधी पर किये हमले का गंभीर नोटिस लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को भाजपा नेता पर बरसते हुए कहा कि यह गलवान घाटी में भारत सरकार की नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने का एक हताश प्रयास है।
भाजपा अध्यक्ष की कार्यवाही को ध्यान भटकाने वाली रणनीति बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गलवान घाटी के लगातार और उपयुक्त जवाब देने में असफल रही भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अब राहुल गांधी पर निजी हमला करके लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि अकेले राहुल गांधी ही नहीं बल्कि पूरा देश उन सवालों का जवाब माँग रहा है जिनके बारे में अकेले हमारे सैनिक ही नहीं बल्कि सभी भारतीय जानना चाहते हैं कि 15 जून को गलवानी घाटी में क्या गलत हुआ है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वास्तव में राहुल गांधी उनके (मुख्यमंत्री) के साथ लम्बे समय से चीन के मुुद्दे पर विचार-विमर्श करते रहे हैं, और इस मामले को लेकर चिंता जाहिर करते थे। जबकि केंद्र सरकार गलवान में किसी भी प्रकार के गतिरोध से पूरी तरह इन्कार कर रही है। क्षेत्र में कोई घुसपैठ न होने के प्रधानमंत्री के ताजा बयान पर बोलते हुए उन्होंने पूछा कि चीन भारतीय इलाके में दाखिल हुए बिना अब वापस कैसे जा रहा है। इस तरह के सवाल राहुल गांधी द्वारा पूछे गए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब देने की बजाय अब भी इससे इन्कार कर रही है।
नड्डा द्वारा राहुल गांधी की यह कह कर आलोचना करने कि उन्होंने रक्षा संबंधी स्टैंडिंग कमेटी की एक मीटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया, के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी लड़ाई के मैदान से सम्बन्धित जमीनी फैसले नहीं करती। उन्होंने कहा कि यह स्टैंडिंग कमेटी फैसला नहीं करती कि सैनिकों को सरहद पर जरुरी हथियारों और गोला-बारूद के साथ भेजना है या नहीं। उन्होंने कहा कि कमेटी इस स्थिति पर भी कोई नीतिगत फैसला नहीं करती कि सैनिक हथियार चलाएं या न चलाएं।
सांसद के तौर पर अपने पिछले कार्यकाल के दौरान रक्षा संबंधी स्टैडिंग कमेटी के मैंबर के तौर पर अपने तजुर्बे का हवाला देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यहाँ तक कि साजो-सामान / खरीद की कमी से सम्बन्धित जो भी ऐसे मसले इन मीटिंगों में विचारे जाते हैं, किसी भी रूप में लाभप्रद साबित नहीं होते।
मुख्यमंत्री जो खुद भूतपूर्व सैनिक हैं, ने याद करते हुए कहा कि उन्होंने मीटिंग में शामिल होकर गोला -बारूद की कमी का मुद्दा उठाया था और उनको बताया गया कि समस्या को पाँच साल में हल कर लिया जायेगा तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था, ‘‘क्या पाकिस्तान और चीन को पाँच साल के लिए इन्तजार करने के लिए कह दें।’’ उन्होंने बताया कि यहाँ तक कि कारगिल जंग के दौरान भी भारत ने इजराइल और दक्षिण अफ्रीका जैसे मुल्कों से अधिक कीमतों पर गोला-बारूद की खरीद की थी। उन्होंने कहा कि अस्ले की काफी देर की कमी से निपटने के लिए सैनिक अभ्यास बारूद का प्रयोग करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने इन मीटिंगों को ‘अपने चेहरे को दिखाने वाले’ मंच बताया और इस विचार-विमर्श से कोई ठोस नतीजे नहीं निकलते।
नड्डा द्वारा राहुल गांधी पर मुल्क का मनोबल कम करने और हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी पर उंगली उठाने के लगाऐ दोषों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेसी सांसद वास्तव में मुल्क और हमारी सेनाओं के हितों की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तथ्य के अलावा हर दूसरे भारतीय की तरह राहुल गांधी को सरकार से सवाल पूछने का हक है, और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे यह यकीनी बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि हम दोबारा ऐसी स्थिति से न गुजरें और हमारे सैनिकों की कीमती जानों की अनावश्यक बलि न देनी पड़े, जैसे कि गलवान में हुआ है।
मुख्यमंत्री ने नड्डा द्वारा ‘परिवारवाद की परंपरा’ के बारे में की गई टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने पारिवारिक प्रभाव के कारण नहीं बल्कि वोटों के द्वारा लोकसभा के मैंबर चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि एक सांसद और एक बुद्धिमान भारतीय के रूप में राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने से सत्तापक्ष के द्वारा गलवान में केंद्र सरकार की नाकमी का पर्दाफाश हुआ है जिससेे कीमती मानव जीवन के रूप में मुल्क को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।