इंडिया न्यूज सेंटर, जालंधर: शारदीय नवरात्र चल रहे हैं। पूरे देश में बड़ी श्रद्धापूर्वक इन्हें मनाया जा रहा है और श्रद्धालु मां भगवती की उपासना कर रहे हैं। इन नवरात्रों में कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें अवश्य करना चाहिए। कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहे हैं प्रसिद्ध वास्तु व ज्योतिष विशेषज्ञ दीपक अरोड़ा।
1.सर्वप्रथम घर की सफाई और शुद्धि सुबह सूर्योदय से पहले उठकर करें।
2.मंदिर व्यवस्थित कर सबसे पहले घट स्थापना का प्रबंध करना चाहिए।
3.ज्योति प्रज्वलित करने के लिए सदैव गाय का घी ही प्रयोग में लाएं।
4.अखंड ज्योति करने वाले साधक घर में सदैव किसी सदस्य को छोडक़र जाएं अर्थात घर अकेला न छोड़ें।
5.घट स्थापना के समय नारियल का मुख ऊपर की तरफ न करें। ये दुर्भाग्य देता है।
6.ज्योति की बाती अगर क्षीण हो तो उसे चिमटी द्वारा उठाएं। ज्योति पीतल या चांदी की हो सर्वश्रेष्ठ रहती है।
7.दुर्गा सप्तशती, देवी नामावली नवरात्र में देवी प्रसन्नता का सुगम माध्यम है।
8.पूजा उपरांत देवी माता की प्रिय वस्तुएं भोग में भेंट करें। भोग छोटी कन्याओं में बांटें।
9.खेतरी पर नित्य जल छिडक़ें और ज्योत, खेतरी छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
10.व्रत रखने वाले नित्य भोजन से पहले निकट के देवी मंदिर में भोज्य पदार्थ माता को भेंट कर उसके बाद प्रसाद कृपा समझ ग्रहण करें।
11.दूध, दूध से बने पदार्थ, ड्राई फ्रूट या घर में बना व्रत भोजन ही देवी भोग के लिए लें।
12.परनिंदा, चुगली या सामाजिक बुराई से बनने के लिए ज्यादा से ज्यादा देवी स्मरण को प्राथमिकता दें ताकि शुद्धता और शक्ति बनी रहे।
13.अगर पूरे नवरात्र व्रत न रख सकें तो पहला और अंतिम नवरात्र रख देवी कृपा प्राप्त करें।
नवरात्र में ये न करें
1.बिना धुले और काले वस्त्र पहनने से गुरेज करें।
2.नवरात्र में बाल और नाखून काटना मना पर बच्चों के बाल काटने की मनाही नहीं है।
3.बाजारी डिब्बाबंद जूसर, पेय पदार्थ लंबे समत तक रखने के लिए कई लोग अशुद्ध तत्थों का प्रयोग करते हैं इसलिए इसका प्रयोग न करें।
4.किसी शादी समारोह पार्टी में किसी व्यंजन की बजाय फल को ही प्राथमिकता दें।
5.मनोरंजन के साधन टीवी, रेडियो, गीत संगीत की बजाय देवी माता से संंबंधित गुणगान में समय व्यतीत करें।
6.व्रत में अधिक सोना, खाना पीना, तंबाकू उपयोग या स्त्री संसर्ग की मनाही है।
7.चमड़े से बने जूते, बेल्ट, पर्स, बैग इत्यादि क्योंकि मृत अशुद्ध देह के प्रतीक हैं, इसलिए मना हैं।