इंडिया न्यूज सेंटर, जालंधर: दुर्गा पूजा या नवरात्र में कलश स्थापना सबसे महत्वपूर्ण क्रिया है इसलिए मुहुर्त की शुभता अति आवश्यक है। देव स्थान की सफाई व शुद्धता के बाद कलश स्थापना करना चाहिए। कलश स्थापना की सामग्री के बारे में बता रहे हैं प्रसिद्ध वास्तु व ज्योतिष विशेषज्ञ दीपक अरोड़ा।
-कलश, गंगाजल, मौली, कलश में रखने के लिए सिक्के, आम के पत्ते, अशोक के पत्ते, अखंडित बासमती चावल, पंचरत्न, ईत्र, फूल, पानी वाला नारियल, सप्तमृतिका, लाल कपड़ा, धूप, दीप, अगरबत्ती, दूध, दही, घी, शहद, पंचरतन, सप्तधान्य, सुपारी, मिट्टी।
खेत्री बोना सामग्री
मिट्टी का बर्तन, अच्छी तरह से साफ की हुई मिट्टी, मौली, जौ, स्वच्छ जल।
खेत्री बोने की विधि
नवरात्र से एक रात पूर्व जौं को पानी में डुबोकर रख दें अर्थात रात बारह बजे के बाद।
-एक मिट्टी का पात्र लें।
-साफ छानी हुई मिट्टी लें।
-आप खेत्री या घट स्थापना के स्थान को साफ कर लें।
-अगर संभव हो तो इस जगह को गाय के गोबर से लीप लें।
-जौं को जल में से निकाल कर रख लें और मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर जौ को बीज दें।
-अब इसके बाद पात्र को मौली से इसके पास कवर कर दें।