इंडिया न्यूज सेंटर, तिरुवरुरः एक महिला ने 2007 में नसबंदी सर्जरी करवा ली लेकिन फिर भी वह गर्भवती हो गई। जिला उपभोक्ता कोर्ट ने जिला सरकार मातृत्व और बाल अस्पताल को 1.5 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के चेयरमैन जयचंद्रन और इसके सदस्यों राकेश और शिवसनकारी ने मंगलवार को यह आदेश दिया जब जयासुधा की तरफ से याचिका दायर हुई। फोरम ने आदेश दिया 'परिवार नियोजन ऑपरेशन के बाद याचिकाकर्ता गर्भवती हो गई और यह और कुद नहीं सेवा की कमी ही है। उसे गर्भावस्था के कारण होने वाली पीड़ा के लिए 50 हजार रुपए, सेवा में कमी के लिए 50 हजार रुपए और मामले के खर्च के 5 हजार रुपए मुआवजा दिया जाए।' कहा गया कि जिला सरकार मातृत्व और बाल अस्पताल के प्रबंधकों को एक महीने की अवधि में मुआवजे का भुगतान करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसकी 2004 में शादी हुई और दो बच्चे होने के बाद परिवार नियोजन की 2007 में प्लानिंग की। हालांकि उसका दावा है कि इस सर्जरी का कोई मतलब नहीं निकला और वह फिर से गर्भवती हो गई जिसके कारण मानसिक पीड़ा का अनुभव हुआ। उसने कोर्ट से प्रार्थना की थी कि इस दिशा में अस्पताल से 8 लाख रुपए का मुआवजा दिलवाया जाए और ऑपरेशन की असफलता का स्पष्टीकरण मांगा जाए।