इंडिया न्यूज सेंटर, मुजफ्फरनगर: पंजाब की नाभा जेल ब्रेक कांड की गूंज पूरे देश में सुनाई देने लगी है। इस जेल ब्रेक कांड के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश का कैराना सुर्खियों में आ गया। कैराना से ही जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड पलविंदर को गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि नाभा जेल से आतंकियों को भगाने वाला पलविंदर सिंह पिंदा बेखौफ होकर पानीपत की ओर से कैराना की तरफ घुसा। उसने कार में एसएलआर और बंदूकें भी पिछली सीट पर एकदम खुली रखी थीं, जैसे उसे पूरा भरोसा था कि चेकिंग में कहीं पकड़ा ही नहीं जाएगा। इससे यह बात भी जाहिर होती है कि पानीपत-कैराना मार्ग को बदमाश व आतंकी अपना सुरक्षित मार्ग मान चुके हैं। दरअसल, कैराना यूपी की सीमा पर है, जहां से महज चार किमी की दूरी पर यमुना पुल आता है और उसके बाद हरियाणा राज्य की सीमा शुरू हो जाती है। यमुना पुल पर चेकिंग महज दिखावा होती है, क्योंकि अक्सर शराब माफिया भी इन चेकपोस्टों को पार करके शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर और अन्य जिलों में पहुंच जाते हैं। कैराना पाकिस्तान से नकली करंसी, अवैध हथियार और मादक पदार्थों की तस्करी के रास्ते के लिए काफी मशहूर है। यहां के कुछ नाम हैं जो इस सारे नेटवर्क को चलाते हैं। इन नामों में इकबाल काना, दिलशाद मिर्जा और हामिदा उर्फ फैमीदा जैसे नाम हैं। अक्तूबर में ही कैराना के नामित सभासद फरहत खान को दिल्ली पुलिस ने आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा कि अब पलविंदर की गिरफ्तारी सामने आ गई। इससे पूर्व कांधला क्षेत्र के गंगेरू का रहने वाला इसराइल पाकिस्तान से लौटते समय अटारी बॉर्डर पर स्टील के कंटेनर में पांच पिस्टल और मैगजीन के साथ दबोचा गया था। कैराना में अपनी मां के साथ आया पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जिला जंग सदर का रहने वाला नवेद 2015 में लापता हो गया था। उसका आज तक सुराग नहीं लग सका है। इसके अलावा थाना भवन के मदीना कालोनी में काफी समय तक रहा बांग्लादेशी यासीन पिछले साल जून में परिवार सहित फरार हो गया। यासीन जोकि बांग्लादेशी था उसने यहां पर अपना राशन कार्ड तक बनवा हुआ था।