इंडिया न्यूज सेंटर, चंडीगढ़ः स्थानीय निकाय विभाग में भ्रष्टाचार खत्म करने में जुटे निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने चीफ विजीलैंस ऑफिसर की रिपोर्ट के आधार पर 4 सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर्स को सस्पैंड कर दिया है। इनके साथ ही म्यूनिसिपल कमिश्नर के तौर पर तैनात आई.ए.एस. अधिकारी सोनाली गिरि, जी.एस. खैहरा व घनश्याम थोरी के खिलाफ जांच व कार्रवाई के लिए पंजाब के चीफ सैक्रेटरी को पत्र लिखने की बात कही है। सिद्धू ने कहा कि यह कार्रवाई पिछले 1 वर्ष के दौरान ‘अर्बन मिशन’ और ‘हृदय’ मिशन के तहत जारी किए गए करीब 800 करोड़ रुपए के सिविल वर्क ऑर्डर में से 500 करोड़ के ऑर्डर सिंगल या डबल बिडर्स के जरिए अलॉट करने में हुई घोर अनियमितताओं के मद्देनजर की गई है। सिद्धू ने कहा कि एक साल की फाइलों जांचने में इतना भ्रष्टाचार सामने आया है, अभी बीते 10 सालों का रिकार्ड भी खंगाला जाएगा। सिद्धू ने बताया कि विभाग के चीफ विजीलैंस अधिकारी द्वारा अमृतसर म्यूनिसिपल कार्पोरेशन से संबंधित फाइलों की जांच की गई थी। इस शुरूआती जांच के दौरान ही गड़बडिय़ां सामने आने लगीं तो जालंधर, लुधियाना और भटिंडा नगर निगमों से संबंधित फाइलों की भी जांच का फैसला लिया गया तथा यह सामने आया कि अमृतसर, जालंधर और लुधियाना में नियमों की परवाह न करते हुए ई-टैंडरिंग के तहत सिंगल-डबल बिड करवाकर करोड़ों के विकास कार्य अलॉट किए जाते रहे हैं।