इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समन भेज सकती है। समिति ने 20 जनवरी को एक बैठक बुलाई है, जिसमें रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, वित्त सचिव अशोक लवासा और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को हाजिर होने के लिए कहा गया है। आर्थिक मामलों के सचिव और रिजर्व बैंक के गवर्नर को समिति ने एक विस्तृत प्रश्नावली भी दी है। इसमें नोटबंदी के फैसले को लेकर सवाल किए गए हैं, जिनके जवाब रिजर्व बैंक के गवर्नर को देने हैं।लोक लेखा समिति के चेयरमैन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता केवी थॉमस ने कहा है कि अभी तक नोटबंदी पर पूछे गए सवालों के उत्तर सरकार और रिजर्व बैंक के गवर्नर से नहीं मिले हैं। उन्हें 20 जनवरी से पहले सवालों के जवाब देने के लिए कहा गया है। जवाब मिलने पर इस बारे में विस्तार से चर्चा होगी। थॉमस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नोटबंदी लागू कराने में जो भी लोग शामिल रहे, जरूरत समझने पर उनसे पूछताछ की जा सकती है, फिर चाहें पीएम मोदी ही क्यों न हों लेकिन जो भी होगा, वह 20 जनवरी की बैठक के बाद तय होगा। अगर समिति के सदस्य सर्वसम्मति यह फैसला लेते हैं कि पीएम मोदी से भी सवाल-जवाब किए जाएं, तो ऐसा किया जाएगा। पीएसी के मुताबिक रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल पूछा गया है कि क्यों न उन्हें पद के दुरुपयोग के आरोप में हटा दिया जाए? कांग्रेस नेता केवी थॉमस की अगुवाई वाली समिति ने उर्जित पटले से नोटबंदी के मुद्दे पर 10 सवालों के जवाब मांगे हैं। इसके साथ ही नोटबंदी का फैसला लेने में केंद्रीय बैंक की भूमिका, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रेगुलेशन में पिछले दो महीने में आए बदलाव पर से जानकारी मांगी गई है। पीएसी ने मांग की है कि कितनी नकदी पर बैन लगा था और उसमें से कितनी बैंकिंग व्यवस्था में लौट आई है।