इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कल कहा कि नोटबंदी प्रक्रिया से अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने वाला प्रभाव होगा। हालांकि, लघु अवधि में इससे कुछ बाधाएं आएंगी और जनता को असुविधा होगी। उन्होंने कहा कि आत्मसंतोष की गुंजाइश काफी कम है और वित्तीय बाजारों में छिटपुट उतार-चढ़ाव से बचाव करना महत्वपूर्ण है।
पटेल ने अद्र्ध वार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट की भूमिका में लिखा है,‘‘कुछ बैंक नोटों को वापस लेने का आगे चलकर व्यापक प्रभाव दिखेगा। इससे घरेलू अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय बदलाव आने की संभावना है।’’ उन्होंने कहा कि भुगतान के डिजिटल तरीके का इस्तेमाल बढ़ने से दक्षता, जवाबदेही तथा पारदर्शिता बढ़ेगी। गवर्नर ने हालांकि स्वीकार किया है कि 500 और 1,000 के नोट को बंद करने से कुछ समय के लिए लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ेगी। बैंकों में पुराने नोट कल तक जमा किए जा सकते हैं। इससे 27 नवंबर को पटेल ने कहा था कि केंद्रीय बैंक ईमानदार लोगों की परेशानियां दूर करने को प्रतिबद्ध है।
पटेल ने लिखा है कि वस्तु एवं सेवा कर तथा दिवाला संहिता जैसे सुधारों से अर्थव्यवस्था का लचीलापन बढ़ेगा। घरेलू वृहद आर्थिक मोर्चे पर स्थिति स्थिर है और मुद्रास्फीति नीचे है। हालांकि पटेल ने स्वीकार किया कि हाल के समय में वृद्धि की रफ्तार कुछ कमजोर पड़ी है। उन्होंने कहा कि देश बैंकिंग में अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को अपना रहा है। हालांकि, वह घरेलू प्रतिबद्धताओं की अनदेखी नहीं कर रहा है।