इंडिया न्यूज सेंटर, जालंधर: पंजाब में एक और बड़ा स्कैंडल सामने आया है जिसके बाद सरकार ने 90 करोड़ रुपये के यूटेंसिल किटों की खरीद के लिए मंगवाए गए टेंडर रद्द कर दिए है। सरकार ने राज्य की पंचायतों, गैर सरकारी संगठनों , क्लबों और महिला मंडलों को यूटेंसिल किटें देने के लिए टेंडर आमन्त्रित किये थे। इन किट्टो के लिए 90 करोड़ रुपये के टेंडर लगाए गए थे। जिसके आधार पर 22500 यूटॉनसिल किटें खरीदी जानी थी। यह किटें आने वाले विधानसभा चुनावो में ग्रामीण लोगो को अकाली दल के साथ जोड़ने और पार्टी के लिए समर्थन हासिल कर्म करने के उद्देश्य से खरीदी जानी थी।
इसके लिए केवल संगरूर की ही एक कंपनी को योग्य पाया गया था जिसने सरकार द्वारा बनाई गई इन किटो की खरीद के लिए अधिकृत कमेटी द्वारा तय की गई एक यूटेंसिल किट की कीमत से आठ हजार रुपये प्रति किट के हिसाब से ज्यादा टेंडर रकम भरी थी। पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री सिकन्दर सिंह मलूका ने टेंडर रदद् किये जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा तय की गई कीमत और कंपनी द्वारा डाले गए टेंडर की कीमत में बहुत भारी फर्क था, इसलिए टेंडर रदद् किये गए है। उन्होंने कहा कि संगरूर की मित्तल ट्रेडर्स कंपनी ने यह टेंडर भरा था जिसने एक यूटेंसिल किट का मूल्य 40, 000 रुपये टेंडर में कोट किया था। जबकि कमेटी ने एक किट का मूल्यांकन करके इसका मूल्य 32 हजार रुपये तय किया था। उन्होंने कहा कि हालांकि टेंडर में भरी गई किट की क्वालिटी बहुत बढ़िया थी परन्तु दाम में भारी अंतर की वजह से टेंडर रद्द किये गए है।
पुस्तक खरीद घोटाले की दागदार है कंपनी : उल्लेखनीय है कि जिस एक मात्र मित्तल ट्रेडर्स ने यूटेंसिल किट्टो के लिए टेंडर डाला था, वह पहले भी 2013 में हुए करोड़ो रुपये के पुस्तक घोटाले में संलिप्त रही है। उस समय भी सिकंदर सिंह मलूका का नाम इस पुस्तक घोटाले के साथ जुड़ा था।