PUNJAB CULTURE COMMISSION TO BE FORMED: NAVJOT SINGH SIDHU
WOULD TAKE UP WITH MISSIONARY ZEAL THE TASK OF ERADICATING VULGARITY & VIOLENT TRENDS FROM PUNJABI SONGS
CHIEF MINISTER TO BE PATRON IN CHIEF, NAVJOT SINGH SIDHU TO BE PATRON, DR. SURJIT PATAR TO BE CHAIRMAN
PUNJAB KALA PARISHAD CHAIRMAN DR. SURJIT PATAR AUTHORISED TO RECOMMEND OTHER MEMBERS OF COMMISSION
COMMISSION TO SUBMIT REPORT WITHIN 2 WEEKS
पंजाबी गायकी में से लचरता के ख़ात्मे के लिए उत्साह से काम करेगा आयोग
मुख्यमंत्री होंगे पैटर्न इन चीफ़, नवजोत सिंह सिद्धू होंगे पैटर्न और डा. सुरजीत पातर होंगे चेयरमैन
पंजाब कला परिषद के चेयरमैन डा. सुरजीत पातर को आयोग के बाकी सदस्यों के नाम प्रस्तावित करने के अधिकार सौंपे
आयोग द्वारा 2 सप्ताह में दी जायेगी रिपोर्ट
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़:पंजाब सरकार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व अधीन पंजाबी गायकी में से लचरता के ख़ात्मे के लिए पूर्ण तौर पर संजीदगी से काम कर रही है।यह प्रगटावा पंजाब के सांस्कृतिक मामले और पर्यटन मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने आज यहाँ पंजाब भवन में प्रसिद्ध पंजाब के साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों, कलाकारों और चिंतकों के साथ एक मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए प्रकट किये। उन्होंने इस अवसर पर ऐलान किया कि पंजाब सभ्याचार आयोग की स्थापना की जायेगी जिससे पंजाबी गायकी में से लचरता की बुराई को पूरी तरह ख़त्म किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इस आयोग को पंजाब सरकार की तरफ से मान्यता हासिल होगी और यह आयोग कानून में दर्ज प्रावधानों अनुसार उन गायकों के खि़लाफ़ कानून अनुसार सख्त कार्यवाही की सिफारिशें करेगी जो कि अपने गीतों के द्वारा लचरता और हिंसात्मक रूझानों को बढ़ावा दे रहे हैं ओैर पंजाब के गौरवमयी सभ्याचार को ह्रास लगा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि ज़रूरत पडऩे पर आयोग को यह अधिकार भी हासिल होंगे कि लचर गीत गाने वाले और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किये जाएँ, फिर उनको बुला कर समझाया जाये और यदि वह फिर भी लचर गीतों से गुरेज़ न किया तो आयोग के पास उन खि़लाफ़ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने का विकल्प भी खुला होगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आई.पी.सी. की धारा 290, 294 और इन्फर्मेशन टैकनॉलॉजी एक्ट, 2000 की धाराओंं 67 और 67 ए में इस सम्बन्धित कार्यवाही के लिए योग्य प्रावधान मौजूद हैं। स. सिद्धू ने यह भी दोहराया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार एक चुनाव सिफऱ् दूसरा चुनाव लडऩे ख़ातिर ही नहीं लड़ती बल्कि उसे लचरता के चंगुल से पंजाब की आने वाली पीढ़ी को बचाने का मन से वचनबद्ध है और मौजूदा समय उठाये जा रहे उचित कदम यह यकीनी बनाऐंगे कि आम लोग साफ़ सुथरे गीत अपने परिवारिक सदस्यों के साथ बैठ कर सुन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री इस आयोग के पैटर्न इन चीफ़ और वह ख़ुद पैटर्न होंगे। आयोग के बाकी सदस्यों के नाम प्रस्तावित करने के अधिकार पंजाब कला परिषद के चेयरमैन पद्म डा. सुरजीत पातर को सौंपे गए हैं जो कि इस आयोग के चेयरमैन होंगे। स. सिद्धू ने यह भी जानकारी दी कि यह आयोग अपनी रिपोर्ट 2 सप्ताहों में देगा और यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास पेश की जायेगी। इस अवसर पर डा. सुरजीत पातर ने पंजाब कला परिषद द्वारो लचरता को नकेल डालने और पंजाबी सभ्याचार को ओैर प्रफुल्लित करने के लिए परिषद द्वारा किये जा रहे यत्नों पर प्रकाश डालते कहा कि जि़ला, तहसील और गाँव स्तर पर पंजाब के सभ्याचार, इतिहास और शानदार परंपराओं संबंधी जागरूकता फैलाने के लिए परिषद द्वारा भरसक प्रयत्न किये जा रहे है जिससे राज्य का कोई भी कोना पंजाब के शानदार इतिहास की जानकारी से वंचित न रहे। इस मीटिंग दौरान विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा गीतों के वर्गीकरण, आर्थिक पक्ष से कमज़ोर परन्तु साफ़ सुथरा गाने वाले गायकों को हौसलें हफजायी देने और अच्छे और मानक गीत लिखने वाले गीतकारों को प्रोत्साहित करके आगे लाने संबंधी भी विचार पेश किये गए। इस अवसर पर पंजाबी संगीत जगत की मशहूर हस्ती जरनैल घुमाण, पंजाब कला परिषद के सचिव जनरल डा. लखविन्दर सिंह जौहल, पंजाब संगीत नाटक अकादमी के प्रधान केवल धालीवाल, सांस्कृतिक पार्लियामेंट के को -आरडीनेटर निंदर घुग्याणवी, प्रसिद्ध गायक पंमी बाई, गायिका सुखी बराड़, पंजाबी भाषा के लिए काम करने वाले पंडित राव धरेनावार, पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ के पंजाबी विभाग के प्रमुख डा. योगराज, गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के पंजाबी विभाग से डा. दरिया, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में पंजाबी के प्रोफ़ैसर डा. राजिन्दरपाल सिंह, जस्टिस खुशदिल, और चरनजीत कौर बरनाला ने भी अपने विचार ठोस रूप में रखे।