PUNJAB MINISTERS LASH OUT AT SAD & AAP FOR USING HOOCH TRAGEDY TO PLAY WITH PEOPLE’S SENTIMENT WITH EYE ON POLLS
कहा, मतदान के मद्देनजऱ इस्तेमाल किया जा रहा है ज़हरीली शराब का मुद्दा
यदि माफिया अपराध ही सरकार की बरख़ासतगी का आधार है तो पिछली अकाली-भाजपा सरकार 1 साल भी नहीं थी चल सकती
पंजाब में राजनैतिक हथकंडे इस्तेमाल कर रही ‘आप’ की दिल्ली में कारगुज़ारी पर भी उठाये सवाल
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब के मंत्रियों के एक समूह ने गुरूवार को अकाली दल और आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि दोनों पार्टियों की तरफ से विधान सभा मतदान के मद्देनजऱ लोगों की भावनाओं के साथ खेलने के लिए ज़हरीली शराब दुखांत का बहुत बेशर्मी से प्रयोग किया जा रहा है। मंत्रियों ने यहाँ जारी एक साझे बयान में कहा कि विरोधी पक्ष इस मन्दभागी घटना का लाभ लेने के लिए इतनी व्यस्त हुई है कि पीडि़त लोगों और उनके परिवारों के दुखों का उन पर कोई प्रभाव नहीं है। यह बयान कैबिनेट मंत्री सुख सरकारिया, साधु सिंह धर्मसोत, सुंदर शाम अरोड़ा और भारत भूषण ने जारी किया।
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के इस ऐलान कि उनकी पार्टी कांग्रेस सरकार की बरख़ास्तगी के लिए राज्यपाल के पास पहुँच करेगी। खंडन करते हुये मंत्रियों ने कहा कि अकाली पार्टी का गेम -प्लान अब पूरी तरह जग ज़ाहिर हो गया है। यह स्पष्ट है कि अपनी राजनैतिक सरप्रस्त - भारतीय जनता पार्टी के निर्देशों पर काम करते अकालियों की तरफ से मध्य प्रदेश और राजस्थान की तर्ज पर पंजाब के लोगों की तरफ से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। मंत्रियों ने कहा कि अकालियों की भद्दी चालें सफल नहीं होंगी और वह पंजाब के लोगों की नजऱों में पिछले साढ़े तीन सालों के मुकाबले और भी नीचे गिर जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर गैंगस्टरों और अपराधिक माफिया के द्वारा किये गए जुर्मों के लिए सरकारों को बर्खास्त किया जा सकता है। पिछली अकाली -भाजपा सरकार अपने शासन के पहले साल में ही ख़ारिज हो जानी चाहिए थी। क्योंकि उस शासनकाल के दौरान राज्य में माफिया राज ज़ोरों पर था। अकाली -भाजपा शासन के दौरान राज्य में घटे ज़हरीली शराब के विभिन्न दुखांतों और अब भाजपा शासन वाले बहुत से राज्यों में घट रही घटनाओं की तरफ इशारा करते हुये मंत्रियों ने सुखबीर को ऐसे किसी भी मामले में उनकी(अकाली -भाजपा) सरकार की तरफ से कार्यवाही का विवरण पेश करने के लिए चुनौती दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब पुलिस ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के सख़्त निर्देशों पर पहले ही 50 लोगों को गिरफ़्तार किया है। जिनमें माफिया के कई सरगना भी शामिल थे। जोकि मौजूदा दुखांत में 100 से अधिक लोगों की मौत के जि़म्मेदार हैं।
मंत्रियों ने कुछ चुने गए कांग्रेसी नेताओं के शराब माफिया में शामिल के बेबुनियाद दोष लगाने के लिए अकालियों को लताड़ा और जांच ख़त्म होने का इंतज़ार करने के लिए कहा है। मंत्रियों ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं, कि इस दुखांत में शामिल किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर यह सरकार बिना किसी जांच (जो चल रही है) बिना सुनवाई और बेबुनियाद इलज़ामबाज़ी करके चलती होती तो दोनों सुखबीर और उसका रिश्तेदार बिक्रम मजीठिया अब तक सलाखें के पीछे होते।
सुखबीर की तरफ से मुख्यमंत्री के इस्तीफे की माँग पर प्रतिक्रया प्रकटाते हुये मंत्रियों ने अकाली दल के प्रधान को पूछा कि बादल शासन के दौरान नाजायज शराब, नशों, पुलिस की धक्केशाही आदि के कारण हुई कई मौतों के बाद उस(सुखबीर) ने ख़ुद कितनी बार पद छोड़ा था। वास्तव में कैप्टन अमरिन्दर सरकार अभी भी अकाली -भाजपा की तरफ से हर क्षेत्र में की गड़बड़ी को सही करने की कोशिश कर रही है।
मंत्रियों ने कहा कि अकाली और भाजपा जो कि ख़ुद बड़े जुर्मों पर पर्दा डालने के लिए बदनाम हैं। और अपने 10 सालों के कार्यकाल के दौरान माफिया की सरप्रस्ती करते रहे थे, के उलट कैप्टन अमरिन्दर ने पुलिस को इस केस की जांच करने के लिए सिर्फ छूट ही नहीं दी थी। बल्कि उन पर दोषियों को जल्द से जल्द केस दर्ज करने के लिए जि़म्मेदारी भी लगाई थी।
मंत्रियों ने बताया कि इस केस में शामिल आबकारी विभाग और पुलिस के उच्च अधिकारियों को मुअत्तल कर दिया गया है। मंत्रियों ने सुखबीर को चुनौती देते हुये कहा कि उनकी सरकार ने कितनी बार ऐसे किसी अपराधिक मामलों में ऐसी सख़्त कार्यवाही करने की हिम्मत की थी। मंत्रियों ने आगे कहा कि इस केस के मुलजिमों के सभी राजनैतिक और अन्य संबंधों की बारीकी से जांच की जा रही है। वास्तव में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ज़हरीली शराब के दुखांत में हुई मौतों को ख़ुद कत्ल बताया था। और इसी जानकारी को सुखबीर ने मुद्दा बना लिया। मंत्रियों ने कहा कि राज्य में मुख्य विरोधी पार्टी होने के बावजूद भी आप का कोई आधार नहीं है और दिल्ली में आप पार्टी के बुरे प्रबंधों की तरफ इशारा करते हुये कहा कि अगर केंद्र को अरविन्द केजरीवाल की सरकार को कोविड महामारी के प्रबंधन के लिए सहायता करनी पड़ी, तो कोई भी अंदाज़ा लगा सकता है कि दिल्ली में शासन का आम स्तर क्या होना चाहिए। उन्होंने इस तथ्य को हास्यप्रद बताते हुये कहा कि ज़हरीली शराब के दुखांत के विरुद्ध आप के विरोध का नेतृत्व ऐसे व्यक्ति ने किया जो ख़ुद शाराबखोरी के लिए बदनाम है।