Punjab policed banned 108 social media accounts and link, covid19, punjab government big account on social media
इंडिया न्यूज़ सेंटर, चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा मरने वाले कोविड मरीज़ों के अंग निकालने जैसी अफ़वाहें फैलाने वाले शरारती तत्वों के खि़लाफ़ सख्त कार्यवाही के आदेशों के चलते पंजाब पुलिस ने कोविड संबंधी झूठा प्रचार करने वाले 38 फेसबुक, 49 ट्विटर और 21 यूट्यूब अकाउंट्स/लिंकज़ को सक्षम अथॉरिटी द्वारा ब्लॉक करवा दिया गया है। पंजाब के अलग-अलग थानों में अब तक 121 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें कुल 151 फेसबुक खाते/लिंक, 100 ट्विटर, चार इंस्टाग्राम और 37 यूट्यूब खातों/लिंकज़ सम्बन्धित अथॉरिटी फेसबुक, ट्विटर और गूगल को सूचित किया गया।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने खुलासा करते हुए कहा कि एजेंसी द्वारा दुश्मनी निकालने वाले देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों के खातों/लिंकज़ को ब्लॉक करने के लिए मामला भारत सरकार के इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना टैक्रोनॉजी मंत्रालय के साईबर लॉ डिवीजऩ के पास उठाया गया, जिसके चलते अब तक 108 खाते /लिंक ब्लॉक कर दिए गए। उन्होंने कहा कि और कई खातों को ब्लॉक करने का इन्तज़ार है।
शरारती तत्वों के खि़लाफ़ कानूनी कार्यवाही
गुप्ता ने बताया कि सम्बन्धित सोशल मीडिया प्लेटफार्म की समर्थ अथॉरिटी को खाता धारकों संबंधी सूचना देने की विनती की गई है। उन्होंने कहा कि खाता धारकों की सूचना मिलते ही इन्फॉरमेशन टैक्नोलॉजी एक्ट, 2000 और आई.पी.सी. की सम्बन्धित धाराओं के अंतर्गत शरारती तत्वों के खि़लाफ़ बनती कानूनी कार्यवाही आरंभ की जाएगी। साईबर क्राइम सैल पंजाब के ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशनज़ के डायरैक्टर अर्पित शुक्ला ने लोगों को राज्य में सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और रक्षा के हित में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर किसी भी तरह की ग़ैर-प्रामाणिक / ग़ैर-आधिकारित पोस्टों, खबरों, वीडिओज़ और अन्य सम्बन्धित सामग्री साझा न करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने समाज विरोधी तत्वों द्वारा नफऱत, गलत जानकारी और अशांति पैदा करने के इरादे से सोशल मीडिया पर अफ़वाहें फैलाने और झूठी/दुश्मनी निकालने वाली वीडिओज़ जारी करने पर सख्त कार्यवाही करने के हुक्म दिए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर गलत जानकारी फैलाई ऐसे तत्वों द्वारा ‘कोविड-19 के दौरान मानवीय अंगों का कारोबार’ करने के नाम अधीन लोगों को भडक़ाने के लिए वीडिओज़ अपलोड की जा रही हैं। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि डॉक्टरों और पैरा-मैडीकल स्टाफ द्वारा लोगों को गलत ढंग से कोरोना पॉजि़टिव ठहरा रहे हैं और उनकी तरफ से वित्तीय लाभ के लिए अंग निकाले जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन बेहुदा पोस्टों /वीडिओज़ ने न सिफऱ् राज्य सरकार और डॉक्टरों के अक्स को चोट पहुँचाई है बल्कि लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों से कोविड के लिए टेस्टिंग और इलाज करवाने से भी निराश किया जा रहा है।