` पंजाब विधान सभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में सात बिल पास

पंजाब विधान सभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में सात बिल पास

Punjab Vidhan Sabha passes seven bills during specially convened one day session share via Whatsapp

Punjab Vidhan Sabha passes seven bills during specially convened one day session


इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़:
कोरोना महामारी के दौरान पंजाब विधान सभा के आज विशेष तौर पर बुलाए गए एक दिवसीय सैशन के दौरान  सर्वसम्मती के साथ सात बिल पास किए गए।
समागम की अध्यक्षता पंजाब विधान सभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने की और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपने कई कैबिनेट साथियों के साथ इस समागम में शामिल हुए।
इस सैशन के दौरान सदन द्वारा 9वें सिख गुरू श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर तरन तारन में श्री गुरु तेग़ बहादुर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ स्थापित करने सम्बन्धी बिल पास किया गया। श्री गुरु तेग़ बहादुर स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ बिल-2020 उच्च शिक्षा मंत्री  तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा द्वारा पेश किया गया, जिसमें कानूनी शिक्षा के विकास और उन्नति और कानून के क्षेत्र और सम्बन्धित मामलों के लिए विशेष और योजनाबद्ध निर्देश, अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्यों के साथ एक स्टेट यूनिवर्सिटी स्थापित करना है। यूनिवर्सिटी का उद्देश्य सभी स्तरों पर व्यापक कानूनी शिक्षा प्रदान करना और इसका विकास करना, उन्नत अध्ययन करना और कानून की सभी शाखाओं में अनुसंधान को उत्साहित करने के साथ-साथ कानूनी ज्ञान और कानूनी प्रक्रियाओं का प्रसार करना और भाषणों, सैमीनार, सिम्पोजिय़ा, वैबीनारज़, वर्कशॉपों और कॉन्फ्रेंसों का आयोजन करके राष्ट्रीय विकास में इनकी भूमिका को दिखाना होगा। इसमें रूल ऑफ लॉ, भारत के संविधान में दर्ज उद्देश्यों और सामाजिक एवं आर्थिक न्याय की प्राप्ति के लिए भाईचारे में कानूनी जागरूकता को उत्साहित करने के उद्देश्य के साथ सांस्कृतिक, कानूनी और नैतिक मूल्यों को उत्साहित करना भी शामिल होगा।

यूनिवर्सिटी के अन्य उद्देश्यों में लोक चिंता के समकालीन मुद्दों और उनके कानूनी प्रभावों का लोगों के लाभ के लिए विश्लेषण और पेश करने की सामथ्र्य में सुधार करना, भारत और विदेशों में उच्च प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थाओं के साथ संपर्क करना; कानून से सम्बन्धित सभी विषयों पर पत्रिका, ख़ास विषय पर पुस्तक, अध्ययन किताबें, रिपोर्टों, रसालों और अन्य साहित्य प्रकाशित करना; परीक्षाएं करवाना और डिग्रीयाँ और अन्य अकादमिक उपाधियां प्रदान करना; कानूनी, वैधानिक और न्यायिक संस्थाओं से सम्बन्धित अध्ययन और प्रशिक्षण प्रोजैक्ट चलाने के अलावा इनका अध्ययन करना और अन्य ऐसे सभी काम करना जो यूनिवर्सिटी के सभी या किसी भी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अनुकूल या ज़रूरी हों।
सदन द्वारा सर्वसम्मति से पंजाब गुड कंडक्ट प्रजिऩरज़ (अस्थाई रिहाई) संशोधन बिल, 2020 को भी मंज़ूरी दी गई। बिल पेश करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री  तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने कहा कि इसको अमली जामा पहनाने से संकटकालीन समय, महामारियों और आपातकालीन प्रस्थितियों के दौरान पैरोल के समय में विस्तार करने का रास्ता खुलेगा। यह कानून लेकर आने के पीछे तर्क जेल विभाग को ऐसे कदम उठाने के योग्य बनाना है, जिससे जेलों को भीड़ मुक्त करने के साथ-साथ कोविड मुक्त रखने को यकीनी बनाना है, क्योंकि पैरोल / अंतरिम ज़मानत पर रिहा हुए बंदी, जो राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों या राज्य से बाहर रह रहे हैं, के दोबारा जेल में आने से बाकी कैदियों में कोविड-19 के सक्रमण के फैलने का ख़तरा बढ़ेगा। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब गुड कंडक्ट प्रजिऩरज़ (अस्थाई रिहाई) एक्ट-1962 में कोई ऐसा उपबंध नहीं, जिसके द्वारा कैदियों की पैरोल को 16 हफ़्तों से बढ़ाया जा सके और संकटकालीन और महामारी के मुश्किल भरे समय के दौरान तिमाही आधार पर दी जाने वाली पैरोल की शर्तों को माफ किया जा सके।

विधान सभा ने पंजाब वित्तीय जि़म्मेदारी और बजट प्रबंधन (दूसरे संशोधन) बिल 2020 को भी पास कर दिया है। यह बिल पेश करते हुए वित्त मंत्री श्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार के स्रोतों पर बुरे प्रभाव पड़े हैं, जिसके मद्देनजऱ, भारत सरकार ने साल 2020-2021 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.0 प्रतिशत तक का अतिरिक्त कजऱ् लेने की सीमा बढ़ा कर राहत दी है, जिसमें कुछ विशेष राज्य स्तरीय सुधार लागू किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य सरकार के स्रोतों को मज़बूती प्रदान करना है। पंजाब सरकार को साल 2020-2021 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.0 प्रतिशत तक का अतिरिक्त कजऱ् लेने की छूट मिली है, जो 12130.00 करोड़ रुपए बनती है। यह राज्य की अधिक से अधिक कजऱ् लेने की हद जो जीएसडीपी का 3 प्रतिशत है, से अलग होगी। हालाँकि, कजऱ् लेने की सीमा में ढील 0.5 प्रतिशत तक शर्त रहित है और बाकी 1.5 प्रतिशत पर ढील ‘एक देश एक राशन कार्ड’ प्रणाली लागू करने, कारोबार में सुधार की सुविधा, शहरी स्थानीय संस्था / सुविधा सुधार; और पावर सैक्टर जैसे सुधारों को लागू करना शर्त के अनुसार होगा। उन्होंने कहा कि उपरोक्त दिखाए अनुसार बिल में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान, एफआरबीएम एक्ट, 2003 के अधीन पंजाब राज्य की 3 प्रतिशत से अधिक जीएसडीपी नैट उधार लेने सम्बन्धी 12130.00 करोड़ रुपए के अतिरिक्त उधार के लिए विचार किया जाएगा।
पंजाब विधान सभा ने पंजाब क्लिनीकल एस्टैबलिशमैंट (रजिस्ट्रेशन और रैगूलेशन) बिल-2020 को मंज़ूरी दे दी गई है। बिल पेश करते हुए सवास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि इस समय पंजाब राज्य में निजी क्लिनीकल संस्थाओं को रजिस्टर करने या इसको नियमित करने के लिए कोई कानून नहीं है, इस कानून का उद्देश्य क्लीनिक संस्थाओं को नियमित करना है, जिससे उनके कामकाज में पारदर्शिता को यकीनी बनाया जा सके। इसका उद्देश्य सार्वजनिक इलाज व्यवस्था की गुणवत्ता बढ़ाना, मरीज़ों से ज़्यादा फीस वसूली को रोकने के अलावा नियम निर्धारित करना, फिजिक़ल मापदंड, मैडीकल मापदंड, अमले के नियम, रिकॉर्ड का रख-रखाव और रिपोर्टिंग आदि संबंधी शर्तें तय करना है। इसको कानूनी रूप मिलने से ऐसी संस्थाएं प्राकृतिक आपदाओं और महामारी के समय राज्य का समर्थन करेंगे।

 विधान सभा ने कॉन्ट्रैक्ट लेबर (रैगूलेशन एंड ऐबोलीशन) (पंजाब संशोधन) बिल, 2020 को भी मंज़ूरी दे दी है। बिल पेश करते हुए पंजाब के श्रम मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि अपेक्षित संशोधन में नियमों में वर्करों की संख्या बढ़ाने के लिए 20 से 50 तक कॉन्ट्रैक्ट लेबर (रैगूलेशन एंड ऐबोलिशन) एक्ट, 1970 की धारा 1 की उप धारा (4) की उप -धारा (ए) और (बी) में अपेक्षित संशोधन की प्रस्तावना दी गई है। 

 सदन द्वारा इंडस्ट्रियल डिसप्यूट (पंजाब संशोधन) बिल, 2020 को भी मंज़ूरी दी गई। बिल पेश करते हुए श्रम मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि बिल में चैप्टर 5-बी के अंतर्गत कामगारों की मौजूदा लागू सीमा को 100 से बढ़ाकर 300 करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अब संस्थाओं के बंद होने या नौकरी से निकाले जाने की सूरत में कामगार 3 महीने का अतिरिक्त वेतन लेने के योग्य हो जाएंगे। यह कदम कारोबार करने को आसान बनाने की प्रक्रिया में और सुधार लाएगा। इस दौरान सदन द्वारा पंजाब वस्तुएँ और सेवाएं टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल, 2020 भी पास किया गया। बिल पेश करते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि बिल में टैक्स वसूलने और एकत्रित करने के लिए बदलाव करने का विचार किया गया है, जो करदाताओं के लिए असरदार और आसान होगा। इस सरल प्रक्रिया में कम्पोज़ीशन के लिए (टैक्स), इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए योग्यता और शर्त, रजिस्ट्रेशन रद्द करने, रजिस्ट्रेशन रद्द करने को रद्द करना, टैक्स चालान, स्रोत पर टैक्स कटौती, कुछ अपराध के लिए जुर्माना और सज़ा और इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए अस्थाई प्रबंधों से सम्बन्धित व्यवस्था शामिल हैं।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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