` पत्नी के लिए बेटे ने दी पिता की बलि , पिता- पुत्र का रिश्ता फिर हुआ कलंकित

पत्नी के लिए बेटे ने दी पिता की बलि , पिता- पुत्र का रिश्ता फिर हुआ कलंकित

Son sacrificed father for wife mp share via Whatsapp

Son sacrificed father for wife


क्षेत्रीय डेस्कः
  पिता का दुनिया से जाना अपने अस्तित्व के सबसे बड़े क़तरे का कम हो जाने जैसा है । जीवन के अनिवार्य दुखों में प्रमुख बाप का साया सिर से उठ जाना होता है । उनकी स्मृतियों अक्सर हमे जाने कितनी बार उन्हें याद करके रुलाती हैं । कुछ अच्छा हुआ तब भी , कुछ बुरा हुआ तब भी । मशहूर रूसी उपन्यासकार तुरगेनेव की प्रसिद्ध किताब ‘फादर ऐंड सन’ पीढि़यों के संघर्ष को बहुत बारीकी से बताती है । वे लिखते हैं कि पिता हमेशा चाहता है कि पुत्र उसकी परछाईं हो । उस के सपनों को पूरा करे. जाहिर है, इस उम्मीद की पूर्ति होने की चाह कभी पुत्र को आजादी नहीं देगी । पिता चाहता है कि उस के आदेशों का पालन हो और उस का पुत्र उस की छाया हो । टकराहट तब भी होती है जब पिता अपने सपनों को पुत्र पर लादने की कोशिश करता है । कभी कभी ये टकराव हिंसा के शिखर तक पहुंच जाता हैं जहां  पिता- पुत्र के पाक रिश्ते तार तार हो जाते हैं । समाज को विचलित कर देने वाली एक ऐसी ही घटना मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में हाल ही में घटी जहां एक बेटे ने अपने पिता को बेरहमी के साथ कत्ल कर दिया । हत्या की वजह पिता द्वारा बेटे की शादी नहीं कराना बताया जा रहा है । पुलिस के अनुसार आरोपी पुत्र खुद की शादी कराने को लेकर लगातार दबाव बनाता रहा लेकिन उसके पिता ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया ।इसी बात से नाराज होकर युवक ने तेजधार हथियार से अपने पिता का क़त्ल कर दिया ।  यह वारदात बुरहानपुर के नेपानगर थाना क्षेत्र के ग्राम गोराडीया की है । घटना की जानकारी मिलने पर पड़ोसियों ने नेपानगर थाने को सूचना दी जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.मृतक की पहचान गोराडीया गांव के कोटवार पद पर तैनात वामन के रूप में हुई है. जबकि हत्यारे पुत्र की पहचान जितेंद्र के तौर पर की गई ।  थाना प्रभारी केपी धुवे ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक वामन ग्राम गोराडिया में कोटवार था. उसके बेटे जितेन्द्र को शराब की लत थी । इसी बात पर पिता और पुत्र की कहासुनी होती थी. और इसी वजह से वामन उसकी शादी नहीं करा रहा था । सोमवार को इसी की वजह से जितेंद्र शराब के नशे में अपने पिता से लड़ रहा था. दोनों के बीच जमकर कहासुनी हो गई  इसी दौरान बेटे जितेन्द्र ने अपना आपा खो दिया और अपने पिता पर धारदार हथियार से हमला कर दिया । उसका वार इतना तेज था कि वामन की मौक पर ही मौत हो गई । पिता की हत्या करने के बाद आरोपी पुत्र मौके से फरार हो गया । इस तरह की घटनाएं पूरे समाज पर अपना दुष्प्रभाव डालती हैं । जरूरी है कि समय के व्यापक बदलाव के साथ ही पिता-पुत्र के रिश्तों को नए सिरे से एक दूसरे को समझा जाए । अब पिता - पुत्र के सपने, संघर्ष और सोच अलग नहीं रही है । यह मात्र भ्रम है कि आजादी पुत्र को बिगाड़ देती है  सच तो यह है कि यह बेटे की आजादी उसे संबंधों से और मजबूती से जुड़ने और मजबूती से पिता के विश्वास को थामे रहने के काबिल बनाती है ।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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