इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: आने वाले दिनों में प्रीपेड यूजर्स पहले की तरह रिचॉर्ज नहीं करा पाएंगे। प्रीपेड सिम को रिचॉर्ज कराने के लिए आधार कार्ड या मान्यता प्राप्त पहचान पत्र की जरूरत होगी। दूरसंचार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि देश के 90 फीसदी प्रीपेड सिम ग्राहकों को अपना मोबाइल रिचॉर्ज कराने के लिए पहचान पत्र देना होगा। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के मुताबिक इस प्रोग्राम की शुरूआत में लगभग 1 साल लग सकता है। इसके तहत प्रीपेड काड्र्स को बिना आधार कार्ड या वैलिड पहचान पत्र दिखाए बिना रिचॉर्ज नहीं कराया जा सकेगा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने कहा है कि इसे कई चरणों में पूरा किया जाएगा। एक साल के भीतर सभी नए मोबाइल सब्सक्राइबर्स को आधार आधारित ई-केवाईसी फॉर्म भरने को कहा जाएगा। इसके तहत उन पुराने कस्टमर्स की वेरिफेकेशन के लिए 6 महीने का समय दिया जाएगा जिन्होंने बिना वेरिफिकेशन के सिम लिया है। अगर इस अवधि में उन्होंने अपना पहचान पत्र जमा नहीं किया तो उन्हें रिचॉर्ज करने पर बैन लगाया जा सकता है। बेंच ने अनवैरीफाइड सैल नंबर्स के गलत इस्तेमाल की आशंकाओं पर चिंता जताई। बेंच ने कहा कि ऐसे सब्सक्राइबर्स को रिचॉर्ज के वक्त नंबर वैरीफाई करवाने का एक और मौका दिया जा सकता है। सुनवाई के दौरान रोहतगी ने माना कि यह एक पेचीदा मामला है, क्योंकि भारत में लगभग 90 फीसदी मोबाइल यूजर्स के पास प्रीपेड सिम है जबकि सिर्फ 10 फीसदी यूजर्स ही पोस्टपेड सिम यूज करते हैं। रोहतगी ने हालांकि यह साफ किया कि सभी नए सैल फोन सब्सक्राइबर्स के लिए आधार बेस्ड ई-केवाईसी प्रोसैस पूरा करना जरूरी होगा।