इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: जल्द ही पासपोर्ट, लाइसेंस, परीक्षाओं की रजिस्ट्रेशन और सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली बहुत सी अन्य सर्विसेज के लिए अधिक फीस चुकानी पड़ सकती है। फाइनैंस मिनिस्ट्री ने मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट्स को मौजूदा प्रॉजेक्ट्स पर खर्च की फंडिंग और उपलब्ध कराई जाने वाली सर्विसेज की कॉस्ट रिकवर करने के लिए यूजर चार्ज बढ़ाने को कहा है। हाल ही में बजट को लेकर विचार-विमर्श शुरू करने वाली फाइनैंस मिनिस्ट्री चाहती है कि मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट्स यूजर चार्ज बढ़ाकर मौजूदा प्रॉजेक्ट्स पर खर्च को पूरा करें। उदाहरण के लिए, यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (यूपीएससी) सिविल सर्विस परीक्षा के लिए अभी भी 100 रुपये लेता है, जबकि इस परीक्षा के आयोजन की लागत पिछले वर्षों के दौरान काफी बढ़ गई है। रेलवे की कुछ सर्विसेज पर भी भारी सब्सिडी दी जाती है। अधिकतर अन्य सर्विसेज के लिए चार्जेज या तो स्थिर हैं या उनमें मामूली बढ़ोतरी हुई है। इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ऑटोनॉमस ऑर्गनाइजेशंस को आत्म-निर्भरता की ओर बढऩा चाहिए। सरकार कब तक सर्विसेज पर सब्सिडी देती रहेगी। पासपोर्ट के लिए फीस अंतिम बार 2012 में 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये की गई थी। अधिकतर मामलों में कॉस्ट के मुताबिक फीस कम है और इससे सरकार को काफी सब्सिडी देनी पड़ती है। इससे पहले भी इस तरह के निर्देश दिए जाते रहे हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ लेकिन इस वर्ष फाइनैंस मिनिस्ट्री इसे लेकर मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट्स के साथ खुद बात कर रही है।