इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भी संसद में विपक्ष को जमकर आड़े हाथ लिया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि वे, बाथरूम में रेनकोट पहन कर नहाना जानते हैं। उनके कार्यकाल में इतने घोटाले हुए लेकिन उनके दामन पर कोई दाग नहीं लगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के मामले पर जनता पूरी तरह सरकार के साथ है। प्रधानमंत्री के जवाब के बाद राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित हो गया। हालांकि इस दौरान बारी-बारी से पूरा विपक्ष वॉकआउट कर जा चुका था। विपक्ष ने इस प्रस्ताव में नोटबंदी के दौरान लाइन में मारे गए लोगों के लिए संवेदना को भी शामिल करने की मांग की थी। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस चर्चा में राज्य सभा में विपक्ष की ओर से मोर्चे की कमान संभालने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर उन्होंने खासतौर पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा, मनमोहन सिंहजी पूर्व प्रधानमंत्री हैं और आदरणीय व्यक्ति हैं। पिछले 30-35 साल से देश की अर्थव्यवस्था में उनके निर्णायक संबंध रहे हैं। आजादी के बाद के 70 साल में से आधे समय तक इतने नजदीक से अर्थव्यवस्था से जुड़े रहने वाला कोई और व्यक्ति नहीं है। और उनके समय में इतने घोटाले हुए लेकिन वह हमेशा बेदाग रहे। खास कर हम राजनेताओं को डॉक्टर साहब से सीखना चाहिए। इतना सब हुआ लेकिन उनके दामन पर कोई छींटे नहीं पड़े। बाथरूम में रेनकोट पहन कर नहाना यह डॉक्टर साहब ही जानते हैं। प्रधानमंत्री की इस तीखी टिप्पणी के बाद कांग्र्रेस सदस्य सदन से वाकआउट कर गये। राज्यसभा में मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को संगठित लूट और कानूनी धोखाधड़ी बताया था। मनमोहन के इस बयान की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, सदन में इतने समय से रह रहे व्यक्ति ने सदन में लूट जैसे शब्द का प्रयोग किया था। तो जो मर्यादा लांघते हैं, उन्हें हम उसी रफ्तार से वापस देने की ताकत रखते हैं लेकिन हम संविधान की मर्यादा में रह कर करते हैं। पर कुछ लोग हैं जो किसी भी रूप में पराजय स्वीकार नहीं करना चाहते। यह कब तक चलेगा? इसी तरह प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर भी निशाना साधा। मोदी ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सुब्बा राव की किताब का हवाला देते हुए कहा कि किस तरह चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते उनकी सहमति लिए बिना आरबीआई के कामकाज में दखल दिया था। इससे उन दोनों के बीच संबंध बेहद तल्ख हो गए थे। साथ ही मोदी ने याद दिलाया कि किस तरह मौजूदा सरकार ने आरबीआई की स्वायत्तता बढ़ाई है।