PM Modi gives Mantra to students
नेशनल न्यूज डेस्कः मंगलवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिभावक की भूमिका में नजर आए है। प्रधानमंत्री ने 'परीक्षा पे चर्चा’ के दूसरे संस्करण में देशभर के विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से तनाव-रहित परीक्षा से जुड़े कई पहलुओं पर खुलकर बातचीत की। इस कार्यक्रम में देशभर से करीब 2 हजार छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। परीक्षा पर चर्चा का दूसरे संस्करण में प्रधानमंत्री ने बखूबी उन सभी सवालों का जवाब दिया जो अभिभावकों, छात्रों और शिक्षकों के मन में परीक्षा के इर्द-गिर्द उठते रहते हैं। साथ ही उन्होंने इस चर्चा का मकसद भी स्पष्ट किया । प्रधानमंत्री का मक़सद जीवन को परीक्षाओं के दौर से कहीं बड़ा बनाना रहा। उनके कई जवाबों में मौलिक व्यवहार करने और लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह रहा। साथ ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी ख़ुद की प्रेरणा सभी भारतवासी हैं और यही बिना थके लगातार काम करते रहने की प्रेरणा भी है। प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा में कसौटी को अवसर बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि जीवन निराशा के साथ नहीं आशाओं के सहारे जीना चाहिए। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों, अभिभावकों और ख़ुद छात्रों से भी अपने सामर्थ्य की सही पहचान करने का मंत्र दिया. ख़ुद परीक्षा पर चर्चा संस्करण दो में वे एक छात्र की तरह ही छात्रों के साथ घुले-मिले और उन्हीं के रंग में रंगे सहज नज़र आए। उन्होंने छात्रों का अभिवादन स्वीकार किया और सेल्फी से भी इंनकार नहीं किया। परीक्षा पे चर्चा का यह संस्करण कई मायनों में ख़ास भी रहा। इस बार इस चर्चा का दायरा देश के बाहर कई देशों तक था, जिसमें विदेशों में रहने वाले भारतीय छात्रों ने भी शिरकत की। इन देशों में सऊदी अरब, श्रीलंका, रूस, नाइजीरिया, ईरान, नेपाल, दोहा, कुवैत और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं।