` पुराने प्रोजेक्ट पर जीएसटी लगाने पर भड़के रेलवे के काँट्रेक्टर,

पुराने प्रोजेक्ट पर जीएसटी लगाने पर भड़के रेलवे के काँट्रेक्टर,

On implementing the GST on the old project, the railway contractos flares share via Whatsapp

मांग पुरी न होने पर 20 अगस्त से देश भर में हड़ताल करने की धमकी



करीब 200 करोड़ के बिल पास नही कर रहा है रेलवे


फिरोजपुर समेत अंबाला रेल मंडल के ठेकेदारों ने जालंधर में प्रेस वार्ता




इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः 
एक जुलाई से पहले जारी रेलवे काँट्रेक्ट पर रेलवे द्वारा जीएसटी मांगने पर रेलवे काँट्रेक्टर भड़क गए है। इसी को लेकर देशभर में आंदोलन का बिगुल फूकने की रणनीति नई दिल्ली में बन चुकी है। फिरोजपुर समेत अंबाला मंडल के रेलवे काँट्रेक्टरों ने रविवार को जालंधर में एक निजी होटल में प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए अंबाला से आए नवरतन आनंद ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी एक जुलाई से लगाया गया है। इसका सबसे ज्यादा असर रेलवे काँट्रेक्टरों पर पड़ा है। उन्होने कहा कि रेलवे ने जो काँट्रेक्ट एक जुलाई से पहले अलाँट किए थे। रेलवे पैमेंट करने से पहले काँट्रेक्टरों से 12 फीसदी जीएसटी जमा कराने की मांग कर रहा है। इसके चलते रेलवे काँट्रेक्टरों की फिरोजपुर मंडल में ही तकरीबन 150 से दो सो करोड़ की पैमेंट रेलवे के पास अटकी पड़ी है। रेलवे बिना जीएसटी रेलवे विभाग बिल पास नही कर रहा है। नवरतन आनंद ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले रेलवे 6 फीसदी वैट वसूलता था, जिसका हमे विभाग से रिफंड मिलता था। लेकिन जीएसटी के बारे में रेलवे विभाग को किलयर गाईड लाईन न होने के कारण विभाग के अधिकारी उनको परेशान कर रहे है। उन्होने बताया कि दिल्ली में तय हो चुका है कि अगर कैंट्र सरकार ने इस समस्या का हल नही निकाला तो 20 अगस्त से देश भर के रेलवे काँट्रेक्टर हड़ताल पर चले जाएगें। जानकारी देते हुए कहा कि पहले छह फीसदी मेटरियल पर वसूलता था अब जीएसटी के बाद मेटेरियल के अलावा लेवर व मुनाफे को मिलकार 12 फीसदी मांग रहा है। प्रेस वार्ता में लुधियाना से मनजीत सिंह चोपड़ा,फिरोजपुर से सर्बजीत सिंह,पंकज दत्ता,हरजीत सिंह,जालंधर से हरेंदरपाल सिंह,बिमल थापर,कुलजीत सिंह,ललित सेठी,लुधियाना से चरनजीत सिंह, एचएस चोपड़ा मुख्य रुप से उपस्थित थे।


ठेकेदारों की दलील--

ठेकेदारों का कहना है जब रेलवे किसी भी प्रोजेक्ट को कांट्रेक्टर पर देता है तो और कांट्रेक्टर उसको रेलवे के मुताबिक पुरा करता है, और उस प्रोजेक्ट पर लगने वाले मेटेरियर की खरीद पर काँट्रेक्टर पहले वैट अब जीएसटी अदा करके आता है तो रेलवे किस लिए जीएसटी की डिमांड कर रहा है।


रेलवे के हैल्थ व सफाई, रेल मित्र के कांठ्रेक्टरों को नही लगता था वैट

जानकारों का कहना है कि रेलवे की काँट्रेक्टरों को काँट्रेक्टर अलाट करने में है दोहरी पाँलसी इस्तेमाल करता है। बताते है हेल्थ विभाग, सफाई, व रेल मित्र के लिए जारी होने वाले काठ्रेक्टरों से रेलवे किसी प्रकार का पहले वैट अब जीएसटी नही वसूलता है। कांठ्रेक्टरों का कहना है जीएसटी एंड युजर पर लगता है, अगर जीएसटी लगना चाहिए तो रेलवे पर लगना चाहिए न की काँट्रेक्टरों पर लगना चाहिए।



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Source: INDIA NEWS CENTRE

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