वाशिंगटन: कश्मीर नीति को लेकर पाकिस्तान अपने ही घर में घिर गया है। पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक ने इस्लामाबाद की कश्मीर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस मुद्दे का समाधान होने के बाद भी आतंकवाद, सांप्रदायिक हिंसा और अफगानिस्तान में तालिबान के इस्लामिक गणराज्य को स्थापित किए जाने की समस्या खत्म नहीं होगी। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक रहे हुसैन हक्कानी ने वाशिंगटन में कहा, अगर कश्मीर समस्या का समाधान हो भी जाता है तो इससे आतंकवाद की समस्या का समाधान कैसे होगा क्योंकि सांप्रदायिक हिंसा में वह लोग भी मारे जा रहे हैं जो अलग धर्मों के हैं। कश्मीर मसले के समाधान से तालिबान की समस्या कैसे खत्म हो जाएगी जो अफगानिस्तान में इस्लामी शासन को स्थापित किए जाने की जुगत में लगा हुआ है। हक्कानी ने कहा, इसलिए पाकिस्तान की तरफ से इसे लेकर कई बार बढ़ा-चढ़ाकर बयान दिया जाता है लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद कई थिंक टैंक पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाए जाने की मांग कर रहे हैं। यहां तक कि ट्रंप प्रशासन ने भी पाकिस्तान पर बैन लगाने के संकेत दिए हैं।