इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली : गोवा में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कूटनीतिक जंग को जारी रखा है। बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स राष्ट्रों के प्रमुखों का स्वागत किया और एक पारिवारिक तस्वीर भी खिंचवाई है। उसके बाद बैठक को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आतंक का खतरा केवल भारत के लिए ही नहीं है बल्कि यह खतरा मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और वेस्ट एशिया यूरोप के लिए भी बड़ा खतरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना पड़ोसी देश पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देश शांति, सुधार की आवाज बनेंगे। आतंकवाद हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा है और दुर्भाग्य यह है कि इसका जनक देश हमारे पड़ोस में ही है। बढ़ता आतंकवाद आज मध्य ईस्ट, पश्चिम एशिया, यूरोप और साउथ एशिया के लिए खतरा बन चुका है। ब्रिक्स नेताओं के साथ विस्तारित बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, हम इस राय से एकमत हैं कि आतंकवाद और इसके समर्थकों को सजा मिलनी चाहिए, इनाम नहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में फैला आतंकवाद एक देश के जरिए आपस में जुड़ा है। यह देश न केवल आतंकियों को पनाह देता है, बल्कि उनकी मानसिकता भी बनाता है। यही मानसिकता राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को यूज करती है। इस तरह की मानसिकता की हम निंदा करते हैं। ब्रिक्स के रूप में हमें साथ खड़ा होने और काम करने की जरूरत है। ब्रिक्स नेताओं से अपील करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देशों को सीसीआईटी को स्वीकार के लिए साथ काम करना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ व्यावहारिक सहयोग के लिए आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल ही में पेरिस जलवायु समझौते को स्वीकार किया है। भारत विकास और जलवायु परिवर्तन के बीच तालमेल बिठाकर चलने को प्रतिबद्ध है।