इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्लीः रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बार-बार हो रहे रेल हादसों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अब हादसे हुए तो जीएम भी नहीं बख्शे जाएंगे। साथ ही उन्होंने फटकार लगाई की अब ट्रांसफर नहीं बल्कि कार्रवाई की जाएगी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अधिकारियों के साथ बैठक में साफ किया है कि अगर उनसे काम नहीं हो पा रहा है तो दूसरे लोग तलाश लेंगे। यही नहीं, रेल मंत्री ने रेलवे के कामकाज की इंडिपेंडेंट ऑडिट कराने की भी बात कही है।
रेल मंत्री ने सभी जीएम को फटकारते हुए कहा कि मैं एक छोटे से संदेश के साथ आपसे बात कर रहा हूं। अगर आपसे नहीं हो पा रहा है, तो बताएं फिर हम दूसरा तलाश लेंगे। आप लोग पहले ही बता दें। उन्होंने कहा कि मैं केवल अधिकार नहीं दूंगा, आपको इसके साथ-साथ ज़िम्मेदारी भी लेनी होगी।
रेल मंत्री ने अधिकारियों को फटकारते हुए यह आदेश दिया कि शुक्रवार से हर मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में अगले 10 दिनों तक रात के समय में रेलवे का एक अफसर इंजन में सफर करे। इसका मकसद एक तरह से रेल ट्रैक का निरीक्षण करना है। साथ ही उन्होंने कहा कि सेफ्टी से जुड़े स्टाफ की अलग से ट्रेनिंग हो। रेलवे के कामकाज की इंडिपेंडेंट ऑडिट भी कराएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए पैसा मुद्दा नहीं है, वित्त मंत्री और बाकी लोगों से बात हो गई है, लेकिन रेल अधिकारी निश्चित करें कि नई तकनीक से हालात सुधरेंगे।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने 37 दिन के भीतर हुए दो रेल हादसों के बाद ये तल्ख रवैया अपनाया है। गौर हो कि कानपुर में ही पिछले 37 दिनों में दो बड़े रेल हादसे हो चुके हैं। पहला हादसा 20 नवंबर को कानपुर से 60 किलोमीटर दूर पुखरायां स्टेशन पर हुआ जिसमें इंदौर से पटना जा रही इंदौर-पटना एक्सप्रेस की 14 बोगियां पटरी से उतर गईं। इस हादसे में 146 लोगों की जान गई और 179 लोग घायल हो गए। वहीं दूसरा हादसा कानपुर से पचास किलोमीटर दूर इटावा रुट पर 28 दिसंबर हो हुआ। इस हादसे में अजमेर सियालदह एक्सप्रेस की 15 बोगियां पटरी से उतर गईं। ट्रेन के चार डिब्बे नहर में गिर गए। इस घटना में 29 लोगों के घायल हो गए।