इंडिया न्यूज सेंटर, जयपुर: परिवार एक बच्चे की पहली पाठशाला होती है, जिसका असर उसके व्यवहार पर पड़ता है। एक अध्ययन में यह पता चला है कि एक अच्छे घर में बालक के बड़े होने का असर उसके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन माता-पिता से अच्छा संबंध नहीं होने से मध्य जीवन के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। अध्ययन में पता चला है कि यदि माता-पिता से बच्चे के संबंध तनावपूर्ण या अपमानजनक हैं तो उसकी खाने पीने की आदतों पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। ऐसे उचित आहार के बजाय बच्चे ज्यादा चीनी या ज्यादा तेल वाले खाने को पसंद करने लगते हैं। सोने और दूसरे रोजमर्रा की गतिविधियां भी उनकी अनियमित हो जाती हैं। बच्चों में स्वस्थ जीवनशैली और सामाजिक, भावानात्मक विकास का होना ज्यादा लंबी आयु के लिए जरूरी है। आर्थिक रूप से कमजोर घरों में माता-पिता से बच्चों के अच्छे संबंध का असर उनके स्वास्थ्य को बढ़ाता है। बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ कम सामाजिक-आर्थिक स्तर का उनके ऊपर नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखाई देता। कम शिक्षित और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले माता-पिता बच्चों को धमकी देने या जबरदस्ती आज्ञा मानने की बजाय रचनात्मक बातचीत की सहायता लेते हैं, इससे उनके रिश्तों में गर्माहट बढ़ती है।