इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिवाली के बाद से प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ चुका है और चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण न केवल फेफड़ों और ह्दय के लिए जानलेवा है बल्कि यह आंखों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, पिछले वर्ष दिल्ली में 30 हजार से अधिक मामले कार्निया संक्रमण के सामने आए। पर्यावरणविदों का कहना है कि दिल्ली आपात स्थिति का सामना कर रही है। इसी के चलते पिछले महीने स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद तक करना पड़ा और बदरपुर ऊर्जा संयंत्र को भी दस दिनों के लिए बंद किया गया। नेत्र रोग चिकित्सक बताते हैं कि प्रदूषण का स्तर बढऩे के बाद लोग अस्पतालों में आंखों में जलन और खारिश की समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। वह बताते हैं कि प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में सूखापन, जलन, गंभीर एलर्जी और अत्याधिक सूखेपन की समस्या हो सकती है। आंखों पर प्रदूषण के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए नेत्र रोग चिकित्सक सुझाव देते हैं कि लोगों को घर से बाहर निकलते समय धूप का चश्मा जरूर लगाना चाहिए। इससे न केवल अल्ट्रा वायलेट किरणों से बल्कि प्रदूषण से भी आंखों की सुरक्षा होगी। इसके साथ ही आंखों में लुब्रिकेंट डालने और रूई को ठंडे पानी में डुबोकर उसे आंखों पर रखने से भी जलन से छुटकारा मिल सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि यदि प्रदूषण के कारण होने वाले कंजेक्टिवाइटिस और एलर्जी का समय रहते उपचार नहीं किया जाता है तो इससे कार्निया को नुकसान पहुंच सकता है और यह दृष्टि को प्रभावित कर सकता है।