कई लोगों की लग चुकी है चपत
प्रदीप जैन, जंडियाला गुरु : भले ही हमारे देश के प्रधानमंत्री ने ब्लैक मनी और नक़ली करंसी को नकेल डालने के लिए नोटबन्दी की थी लेकिन बावजूद इसके हमारी सरकार इसको रोकने में असफ़ल रही है । एक तरफ जहाँ पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी हमारे देश में नकली करंसी की खेप भेजने से बाज़ नही आ रही है । वही इससे हमारे देश की अर्थ व्यवस्था को नुकसान तो होता ही है । इसी के साथ देश आंतकवाद भी पनपता है, क्योंकि नकली करंसी उसके लिए एहम भूमिका निभाती है । लेकिन दूसरी तरफ़ आजकल देखा जाये तो बाज़ारों में मिलने वाले आम नोट जिस पर चिल्ड्रन बैंक लिखा होता है वह 500 रुपये और 2000 रुपये वाले 1 रुपये प्रति नोट की कीमत से बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते है। जिससे कई लोग इसका शिकार भी हुए हैं ।गौर हो कि इनकी शक्ल असली नोट के हू ब हू मिलती है ।इसके रंग, डिजाइन और साइज भी नए करंसी नोट की तरह है। आम आदमी अगर इसे गौर से न देखे तो वह धोखा खा सकता है। ऐसे नोटों के खिलाफ पुलिस प्रशासन और रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया को इसके खिलाफ अभियान चलाना चाहिये । इसलिए कि इन नोटों को छापने वाली प्रेस को बंद किया जा सके।
> क्या कहते है रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी ?
> संवाददाता द्वारा जब इस मामले को लेकर क्षेत्रीय कार्यलय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया चंडीगढ़ में बात की गई तो उन्होंने ने कहा कि अभी तक लिखित शिकायत उनकी नही मिली है ,फिर भी वह इस मामले को गंभीरता से लेंगे,उन्होंने ने कहा कि लोगों को इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस को करनी चाहिए।
> क्या कहते है पुलिस अधिकारी ?
> एस एस पी देहाती अमृतसर जे एलांचेज़हिण ने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने ने एक स्पेशल तौर पर टीम गठित की है जो इन नोटों के खिलाफ अभियान चलाएगा।