इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को कहा कि यदि ठाकुर पर अदालत में झूठे साक्ष्य पेश करने के आरोप साबित हो जाते हैं, तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। शीर्ष अदालत ने न्याय मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम की दलीलें सुनने के बाद पहली दृष्टि में अनुराग को इसका दोषी पाया। संभव है कि न्यायालय इससे संबंधित फैसला भी सुनाए। न्यायालय ने न्याय मित्र से पूछा था कि ठाकुर ने इस मामले में झूठ बोला है या नहीं। सुब्रह्मण्यम ने अपने जवाब में कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष ने झूठ बोला है। शीर्ष अदालत ने कहा, अगर आप झूठे साक्ष्य के आरोपों से बचना चाहते हैं, तो आपको माफी मांगनी चाहिए। आप कोर्ट की सुनवाई में बाधा डाल रहे हैं।