इंडिया न्यूज सेंटर, जालंधर: जिंदगी एक सफर है सुहाना...जिंदगी में अच्छे, बुरे दौर का सामना हर किसी को कभी न कभी करना ही पड़ता है। यह ऐसा समय है जब चीजें ठीक नहीं होती और कड़ी मेहनत के बावजूद सफलता से दूरी बनी रहती है। इस समय व्यक्ति अपनी योग्यता पर संदेह करने लगता है। कई मौकों पर तो उसकी हिम्मत भी टूटने लगती है। बुरे दौर का डटकर सामना करना आगे बढऩे के लिए बहुत जरूरी है। इस दौर से पार पाने में कुछ तरीके आपके लिए मददगार हो सकते हैं।
बुरे समय को छोडक़र आगे बढ़ें:- जब भी जिंदगी में कटु अनुभवों या बुरे दौर से आपका सामना हो तो खुद को उसमें उलझाए रखने के बजाय अपने काम पर ध्यान दें। बिजनेस का नुकसान, रिश्तों में अलगाव और निराशा से खुद को बाहर निकालने के तरीकों के बारे में सोचना चाहिए। जिस स्थिति में आप खुद को पा रहे हैं उस स्थिति से बाहर निकलने के बारे में सोचने पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो ज्यादा फायदा पाएंगे।
खुद को दोष न दें:- अगर आप किसी मुसीबत में फंस गए हैं तो यह न सोचें कि आपने यह गलती कर दी है बल्कि यह सोचें कि इस कदम को आप ठीक कैसे कर सकते हैं। अगर, मगर, यदि, किंतु, परंतु जैसे वाक्यों के साथ अपने मन में नकारात्मक ख्याल लाने से आप आगे बढऩे की क्षमता और योग्यता दोनों का नुकसान करते हैं। इस तरह के विचार को छोडक़र आगे बढऩे के रास्तों को तलाशें।
जो होगा अच्छा होगा:- कोई खुशी हमेशा टिकने वाली नहीं होती और उसी तरह समस्या भी हमेशा नहीं रहती है। अगर आप अपनी जिंदगी के गुजरे वर्षों को देखेंगे तो पाएंगे आपने पहले भी कई मुश्किलों पर जीत दर्ज की है। ऐसे समय में अपनी पुरानी उपलब्धियों को देखना आपको आगे बढऩे में मदद ही करेगा।
आगे की राह:- जब तक आप अपने साथ हुए हादसे में ही फंसे रहते हैं तब तक उससे बाहर निकलने के रास्ते के बारे में नहीं सोच पाते। इसलिए जितनी जल्दी हो सके अपने आपको कोसना बंद करें और आगे के बारे में सोचें। कोई भी एक राह बंद होती है तो चार नई राहें खुलती हैं इस बात में यकीन रखें।