ADMIT AND START TREATMENT OF DRUG ADDICT ASAP: BRAHM MOHINDRA ORDERS CIVIL SURGEONS
· OOAT CLINICS ARE PLAYING CRUCIAL ROLE IN THE CRUSADE AGAINST DRUG ADDICTION
· 81 OUTPATIENT OPIOID ASSISTED TREATMENT CLINICS ARE FUNCTIONAL IN THE STATE
· TILL DATE, TOTAL FOOTFALL AT OOAT CLINICS IS 274938
· PATIENT MAY RESUME THEIR ROUTINE ACTIVITIES AFTER TAKING DAILY DOSE FROM OOAT CLINICS
· THERE IS NO SHORTAGE OF ESSENTIAL MEDICINES IN DE-ADDICTION CENTRES
राज्य में 81 ओ.ओ.ए.टी. कर रहे हैं सुचारू रूप में कार्य
अब तक ओ.ओ.ए.टी. क्लिनिकों में 274938 मरीज़ों की हुई आमद
ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकों से रोज़मर्रा की दवा की खुराक लेने के बाद मरीज़ कर सकते हैं अपने रोज़मर्रा के काम
नशामुक्ति केन्द्रों में ज़रूरी दवाओं की नहीं है कोई कमी
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: राज्य में चल रही नशों की आदत से पीडि़त नौजवानों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राज्य के समूह सिविल सर्जनों को नशा-खोरी से सम्बन्धित मामलों से पहल के आधार पर निपटने के सख़्त निर्देश जारी किये हैं। नशों के आदी मरीजों को पहल के आधार पर जांचना अब स्वास्थ्य विभाग की मुख्य जि़म्मेदारी होगी। यदि किसी भी स्तर पर किसी किस्म की कोई भी कोताही या लाहपरवाही बरती जाती है, तो सम्बन्धित सिविल सर्जन के खि़लाफ़ सख़्त विभागीय कार्यवाही की जायेगी। आज यहाँ से जारी एक प्रैस बयान के द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने बताया कि राज्य सरकार राज्य की नशे संबंधी समस्याओं से भली-भाँति परिचित है और इससे निपटनेे के लिए अपनी नैतिक और कानूनी जि़म्मेदारी निभा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में खुले नशा मुक्ति केन्द्रों /पुर्नवास केन्द्रों के पास अपेक्षित स्टाफ और दवाएँ उपलब्ध हैं जिससे नशों की आदत से पीडि़त मरीजों का सही तरीके से इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि सामाजिक तौर पर हीन भावना के कारण नशा करने वाले मरीज़ छुटकर सामने नहीं आते जोकि बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए राज्य में ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक खोले गए हैं, जहाँ जाकर मरीज़ अपनी रोज़मर्रा की दवा (खुराक) लेकर वापस अपने रोज़मर्रा के काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के नौजवानों को नशों से निजात दिलाकर अच्छी जि़ंदगी प्रदान करने के लिए ओ.ओ.ए.टी. क्लिनिकों का खोलना मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की दूरदर्शी सोच है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आउटपेशेंट ओपिऑयड असिस्टड ट्रीटमेंट (ओ.ओ.ए.टी.), समाज में से नशे को जड़ से ख़त्म करने और नशा करने वाले मरीजों को केंद्र में बिना दाखि़ल हुए स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से खोले गए हैं। महिंद्रा ने बताया कि यह प्रोग्राम (ओ.ओ.ए.टी.) पहले 26 अक्तूबर, 2017 को मोगा, तरन तारन और अमृतसर में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर चलाया गया था और लोगों से मिले भरपूर समर्थन को देखते हुए 17 मई, 2018 को यह प्रोजैक्ट समूचे राज्य में लागू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अब लगभग 81 ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकों पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। नशे की आदत से छुटकारा दिलाने के लिए ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकोंं को सब-डिविजऩल अस्पतालों के स्तर पर भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि क्लीनिकोंं में 8459 मरीज़ उपचार के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं। इन क्लीनकों में नशा छोडऩे वाले मरीजों की दर 84.05 प्रतिशत के करीब है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक राज्य में चल रहे ओ.ओ.ए.टी. क्लिनिकों में 274938 मरीज़ों की आमद हुई है। ब्रह्म महिंद्रा ने आगे कहा कि देश भर में यह पहला प्रोजैक्ट है जिसके द्वारा मरीजों को ज़रूरी सुविधाएं प्रदान करने के लिए उनके विवरण ऑनलाईन दर्ज किये जा रहे हैं। इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत हर एक मरीज़ को एक यू.आई.डी. नंबर मिल जाता है जिससे मरीज़ बिना किसी परेशानी से किसी भी क्लीनिक से अपनी रोज़मर्रा की दवा की खुराक आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियां भी जारी रख सके। इन कलीनिकों में मरीजों को नशों से निजात पाने के लिए काउंसलिंग का प्रबंध भी किया गया है। महिंद्रा ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे बेझिझक होकर नशों की आदत में डूबे अपने बच्चों को इन सरकारी संस्थाओं में रजिस्टर्ड करवाएं जिससे उनको नशों के इस दलदल से बाहर निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच और सही समय पर किया इलाज नशों में फंसे मरीज़ों को जानी नुक्सान से बचाने का एक सरल रास्ता है।