इंडिया न्यूज सेंटर, कानपुर। राज्यपाल राम नाईक ने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी में टीचर्स की सीधी भर्ती घोटाले मामले में वीसी प्रो मुन्ना सिंह को बर्खास्त कर दिया है। पिछले साल मई 2015 में वे सस्पेंड हुए थे। तीन साल के अपोइन्टमेंट पर प्रो मुन्ना सिंह यूनिवर्सिटी के वीसी बनाए गए थे। 22 अक्टूबर 2016 को रिटायर्ड होने वाले थे। टीचर्स के भर्ती घोटाले का खुलासा होते ही राज्यपाल ने रिजल्ट को रोककर जांच करवाई। इसमें प्रो मुन्ना सिंह पर कार्यवाही की गयी है। अप्रैल 2014 में सीएसए में टीचरों की सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इसका इंटरव्यू दिसंबर 2014 को कराया गया था। रिजल्ट आने के कुछ दिन पहले ही वाइस चांसलर का ऑडियो एक संविदा पर काम कर रहे टीचर प्रभाकर मिश्रा ने जारी कर बबाल खड़ा कर दिया था। सीडी में वीसी प्रो मुन्ना सिंह की पत्नी वीणा सिंह कैंडिडेट से टीचर पद के लिए रुपए मांग रही थी। सीडी को टीचर प्रभाकर ने मीडिया में रिलीज करने के बाद उसे राज्यपाल रामनाईक को भी दे दिया था। राज्यपाल ने सीडी की फोरेंसिक जांच कराई,जिसमें टीचर के सभी आरोप सही पाए गए। इसको लेकर 5 अक्टूबर 2016 बुधवार को वाइस चांसलर को बर्खास्त कर दिया गया।