विकास मारवाह,नागपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विजयादशमी उत्सव बड़े जोश के साथ मनाया गया है। आज विजयदशमी भी है और हर साल की तरह इस अवसर पर कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। नागपुर के रेशिमबाग मैदान संघ प्रमुख मोहव भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनविस और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। भागवत ने अपने भाषण की शुरुआत में मुंबई के एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे पर दुख जताया। मोहन भागवत ने कहा- मुंबई में जो हुआ वो दुखद है, उसको लेकर सबकी मन में वेदना हुई है। जीवन में ऐसी बातों का सामना करके आगे बढ़ना पड़ता है।'
मोदी सरकार की तारीफ की संघ प्रमुख ने
उन्होंने कहा- विजयादशमी का पर्व विजय देने वाला पर्व है। इस मौके पर उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा- 70 साल में पहली बार दुनिया का ध्यान भारत पर गया, आर्थिक विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं उन्होंने आगे कहा कि, सीमा पर हम जवाब दे रहे हैं। डोकलाम विवाद में भी हमने भारतीय गौरव को झुकने नहीं दिया। हालांकि हमें सेना की सुविधाओं पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक नीति ऐसी हो कि सभी वर्गों का कल्याण हो।
पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नही आता है
पाकिस्तान में हिंदुओं की हालत पर भागवत ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार बार खुराफातें करता रहता है, जिसकी वजह से सीमा पर रह रहे हिंदुओं को बार-बार वहां से बेदखल होना पड़ता है। वो यहां से आए हैं, इसके पीछे बड़ा कारण है, इसलिए सरकार को उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि 'गुलामी में रहने के कारण हम अपना महत्व भूल गए। आज अपनी भाषा कम बोलते हैं। आज राष्ट्र को नेशन बना दिया। विदेशी प्रभाव से हमारे संस्कार खराब हो रहे हैं। हमें आत्मचिंतन से खुद को देखना होगा।' भागवत ने आगे कहा कि हमारे यहां विदेशी आए और हमने राष्ट्र को खो दिया। लेकिन राष्ट्र की विचारधारा सतत चलती रही। जब सारी बातों जैसे सुरक्षा, अर्थव्यवस्था में संस्कृति झलकती है तो दुनिया में उस देश को मान्यता मिलती है। अब गौरव-अभिमान का भाव जगाने की थोड़ी अनुभूति होने लगी है।
'कश्मीर में हालात बदले हैं'
भागवत ने कहा, 'कश्मीर की बात करें तो 2-3 महीने पहले लग रहा था कि वहां क्या होगा। लेकिन जिस तरह वहां आतंकियों का बंदोबस्त हुआ, सेना को पूरी ताकत दे दी गई और आतंकियों की शक्तिधारा को बंद कर दिया गया। हमारा कोई शत्रु नहीं लेकिन अपने से शत्रुता रखने वालों को जवाब दिया है।
'जम्मू और लद्दाख के साथ पहले सौतेला व्यवहार' भागवत ने कहा कि जम्मू और लद्दाख के साथ पहले सौतेला व्यवहार किया गया। 2-3 महीने पहले कश्मीर में स्थितियां अनिश्चित थीं, लेकिन जिस तरह से अलगाववादियों से निपटा गया है, पुलिस और सेना को पूरा कंट्रोल दिया गया, वह सराहनीय है।
केरल-बंगाल में जिहादी उठा रहे सिर : भागवत
केरल और बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसाओं पर भागवत ने कहा कि इन घटनाओं के पीछे देश-विरोधी ताकतें हैं।
'गतिविधियों की वजह से रोहिंग्या म्यांमार से भगाए गए'
रोहिंग्या मुसलमानों के लिए भागवत ने कहा कि मानवता के नाम पर हम अपनी मानवता को खो नहीं सकते, इसलिए पहले अपने हित को देखना होगा। उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधियों की वजह से रोहिंग्या म्यांमार से भगाए गए। अगर उन्हें कहीं भी शरण दी जाती है, चाहे वह मानवता के आधार पर हो या सुरक्षा के लिए आधार पर यह अच्छा नहीं होगा।
'गोरक्षा के नाम पर हिंसा नहीं होनी चाहिए'
मोहन भागवत ने कहा, सीमा की समस्याएं कहीं नहीं हैं। सब प्रकार की तस्करी विशेषकर गो तस्करी, बांग्लादेश की सीमा पर चलती है। गोरक्षक और गोरक्षा का प्रचार करने वाले मुस्लिम भी हैं दूसरे संप्रदायों के भी हैं। गाय की रक्षा करने वालों की भी हत्या हुई यूपी में जिसमें सिर्फ बजरंग दल वाले नहीं मुस्लिम भी शहीद हुए। जो गोरक्षा की आड़ में हिंसा करते हैं कानून उन पर ऐक्शन लेगा, गोरक्षकों को परेशान नहीं होना चाहिए अपना काम करते रहना चाहिए।
रैली से पहले शस्त्र पूजन
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रैली से पहले शस्त्र पूजन किया। इसके बाद उन्होंने पारंपरिक आरएसएस परेड की सलामी ली। बता दें कि संघ की स्थापना 27 सितंबर, 1925 को विजयादशमी के दिन मोहिते के बाड़े नामक स्थान पर केशवराव बलिराम हेडगेवार ने की थी।