-नोटबंदी से हुए देश को तीन फायदे
इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई देते हुए वैश्विक मंदी को जीडीपी की धीमी रफ्तार के लिए जिम्मेदार ठहराया। साथ ही कहा कि भारत की जीडीपी पर वैश्विक मंदी का असर पड़ा है। जीडीपी के गिरते आंकड़ों पर जेटली बोले कि मोदी सरकार ने पुरानी व्यवस्था को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांंग्रेस नीत संप्रग सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें विरासत में भ्रष्टाचार मिला था, जिसका हम खात्मा करने में ज्यादातर कामयाब रहे हैं।
जेटली ने कहा, पूर्व की सरकार में फैसले लेने की क्षमता नहीं थी। आज हमारी सरकार ने कई कठिन फैसले लिए हैं, जिनकी वजह से भ्रष्टाचार की संभावना को खत्म किया गया है। वित्त मंत्री ने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे तीन फायदे हुए हैं. एक तो लोग कैश ट्रांजैक्शन से परहेज करने लगे हैं और डिजिटाइलजेशन में इजाफा हुआ है। दूसरा, टैक्स देने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है और तीसरा, काले धन की सामानांतर अर्थव्यवस्था खत्म हुई है। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अमल में आने से देश की अर्थव्यवस्था पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। जेटली ने यहां अपने मंत्रालय के तीन वर्ष के काम-काज का लेखा-जोखा संवाददाता सम्मेलन में रखते हुए कहा कि पिछले तीन वर्ष के दौरान समूचे विश्व की अर्थव्यवस्था के दौरान चुनौतियां रही। केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान निवेशकों का भरोसा बहाल करने में सफलता पाई। मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की दिशा में बड़े सुधार किए और इसके परिणाम मिले। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू करने से अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए जेटली ने कहा कि जीएसटी दरों में विभिन्नता को लेकर मीडिया के जरिये किये जा रहे प्रचार से जीएसटी परिषद के निर्णय पर कोई बड़ा असर नहीं पडऩे वाला है। जेटली ने कहा, वैश्विक परिदृश्य के लिहाज से हमारी अर्थव्यवस्था की रफ्तार काफी अच्छी है।