इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: फसलीय विविधता के लिए सरकार के प्रयासों को प्रोत्साहन देने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्ष्ता में मंत्रीमंडल ने अमरूद, केला तथा अंगूर का उत्पादन करने वाले किसानों को बागों वाले किसानों के समान लाने का निर्णय किया है जो जमीन मालिक या मुज़ारे द्वारा अधिक से अधिक जमीन रखने के मामले से संबंधित है। मंत्रीमंडल ने पंजाब लैंड रिफोर्मज़ एक्ट, 1972 की धारा 3 (8) में संशोधन करने की स्वीकृति दे दी है जिससे ये फल भी बागवानी उत्पादकों को मिल रही छूट के घेरे में आ जायेंगे। इससे इन फलों की खेती कर रहे किसान या मुज़ारों को बागों वाले किसानों की तरह 20.5 हेक्टेयर भूमि रखने का कानूनी अधिकार मिल जायेगा। मंत्रीमंडल ने पंजाब बुनियादी ढंाचा (विकास व नियम) संशोधन बिल, 2017 द्वारा पंजाब बुनियादी ढांचा (विकास व नियम) एक्ट, 2002 में विभिन्न संशोधन करने की स्वीकृति दे दी है। इस बिल का उद्धेश्य सरकारी विभागों, बोर्डो, कार्पोरेशनों, सार्वजनिक संस्थानों, राज्य सरकार के नियंत्रण अधीन सोसाइटी या एजेंसी से ठेकेदारों के विभिन्न ठेकों के संदर्भ में पंजाब बुनियादी ढांचा रैगूलेटरी अथॉरिटी (पीरा) को मध्यस्थता की शक्तियां व कार्यभार सौंपना है।