CABINET GIVES APPROVAL FOR AMENDING PUNJAB EXCISE ACT-1914
STRINGENT PROVISIONS IN ACT TO DETER LAW BREAKERS TO
ILLEGAL AND SPURIOUS LIQUOR TRADE MADE NON-BAILABE OFFENCES
कानून तोडऩे वालों पर नकेल कसने के लिए एक्ट में कठोर धाराएं शामिल
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: राज्य में नाजायज/गैर-कानूनी और नकली शराब के कारोबार के खात्मे के लिए आज यहाँ पंजाब कैबिनेट की तरफ से पंजाब आबकारी एक्ट, 1914 में धारा 61-ए दर्ज करने और धारा 61 और 63 में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है। मंत्रीमंडल द्वारा इस सम्बन्धी विधान सभा के चल रहे बजट सत्र में बिल लाने की मंजूरी भी दे दी गई।
यह फैसला आज दोपहर यहाँ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार मंत्रीमंडल ने ऐसी गलत गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों पर नकेल कसने और ऐसे व्यक्तियों को सजा देने के लिए एक्साईज एक्ट में योजनाबद्ध तबदीली करने का फैसला लिया। यह फैसला अमृतसर, गुरदासपुर और तरन तारन जिलों में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनजर लिया गया है जहाँ जुलाई, 2020 में नकली और मिलावटी शराब का सेवन करने से कई कीमती जाने चली गई थीं।
ऐसे मामलों, जहाँ नकली या नाजायज शराब के उपभोग से व्यक्ति की मौत या हालत गंभीर हो जाते है, तो दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के लिए एक्ट में मिसाली संशोधन करने की जरूरत महसूस की गई। पंजाब आबकारी एक्ट में इन धाराओं को शामिल करने का उद्देश्य कानून तोडऩे वालों के मन में कानून का खौफ पैदा करना और दोषियों को कठोर सजा देना है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये पंजाब आबकारी एक्ट, 1914 में इसकी उप धारा (1) के तौर पर नयी धारा 61-ए शामिल की गई है जिसमें यह व्यवस्था है कि जो व्यक्ति उसके द्वारा तैयार की या बेची गई शराब में किसी भी किस्म के हानिकारक या विशेष पदार्थ जिससे अपंगता या गंभीर हालत या मौत हो सकती है, मिलाता है या मिलाने की अनुमति देता है, सजा का हकदार होगा। व्यक्ति की मौत होने की सूरत में ऐसे दोषी को मौत या उम्र कैद की सजा देने के साथ 20 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकेगा। अपाहिज या गंभीर हालत की स्थिति में दोषी को कम से कम छह साल से उम्र कैद तक की सजा और 10 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकेगा। इसी तरह किसी अन्य गंभीर नुकसान पहुँचने की स्थिति में दोषी को एक साल तक की कैद और पाँच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। किसी तरह जख्मी न होने के मामले में दोषी को छह महीने तक की कैद और 2.50 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
मंत्रीमंडल ने आबकारी एक्ट में संशोधन करके नकली शराब तैयार करने और बेचने वाले व्यक्ति से पीडि़तों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की व्यवस्था भी की है।
धारा 61 -ए (2) (द्ब) के अनुसार यदि अदालत को लगता है कि व्यक्ति की मौत या गंभीर हालत किसी जगह बेची गई शराब के सेवन के साथ हुई है तो अदालत शराब के निर्माता और विक्रेता, चाहे उसको अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो या न, की तरफ से मुआवजे के तौर पर हरेक मृतक के कानूनी वारिसों को कम से कम पाँच लाख रुपए या गंभीर नुकसान के मामले में पीडि़त को कम से कम तीन लाख रुपए या अन्य नुकसान के मामले में पीडि़त को पचास हजार रुपए जुर्माना देने के आदेश दे सकती है। यह व्यवस्था भी की गई है कि जहाँ शराब एक लायसेंसशुदा ठेके से बेची जाती है तो इस सैक्शन के अंतर्गत मुआवजा देने की जिम्मेदारी लायसेंस धारक व्यक्ति की होगी और जब तक इस धारा के अधीन अदालत में अदायोग्य रकम का भुगतान नहीं हो जाता, दोषी के द्वारा कोई अपील दायर नहीं की जा सकेगी।
स्पिरीट की नेचर में किसी तरह की तबदीली या तबदीली की कोशिश के अपराध के लिए एक्ट की धाराओं में कैद की मियाद एक साल से बढ़ा कर तीन साल करने और जुर्माने की राशि 1000 रुपए से 10,000 करने के लिए सैक्शन 63 में भी संशोधन किया गया है।
इसी तरह मंत्रीमंडल ने किसी नशीले पदार्थ की गैर-कानूनी आयात, निर्यात, यातायात, निर्माण, कब्जे आदि के लिए एक्ट के ‘अपराध और जुर्माने’ चैप्टर के अंतर्गत कैद की मियाद तीन साल से बढ़ा कर पाँच साल करने के लिए धारा 61 (1) में संशोधन करने की भी मंजूरी दे दी है।
पंजाब आबकारी एक्ट 1914 की धारा 61 (1) (1) को मजबूत करने के लिए विदेशी शराब की सीमा 90 बल्क लीटर से 27 बल्क लीटर तक कर दी गई है। अब से कोई भी व्यक्ति जो गैर कानूनी ढंग से 90 बल्क लीटर से अधिक किसी भी विदेशी की आयात, निर्यात और ढुलाई करता है जिस पर कि ड्यूटी अदा नहीं की गई, को कम से कम दो साल तक की कैद और कम से कम 2 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकेगा। यह पाया गया है कि ज्यादातर मामलों में ट्रांसपोर्ट की जाने वाली विदेशी शराब की मात्रा 90 बल्क लीटर से कम होती है।