PUNJAB CABINET RESOLVES TO CHECK GROUND WATER DEPELTION TO UPHOLD GURU NANAK’S PHILOSOPHY
प्राकृतिक संसाधनों के सरंक्षण संबंधी श्री गुरु नानक देव जी के फलसफे के मूलभूत सिद्धांत कायम रखने का निश्चय
इंडिया न्यूज सेंटर,सुल्तानपुर लोधी: प्राकृतिक संसाधनों के सरंक्षण संबंधी श्री गुरु नानक देव जी के फलसफे के मूलभूत सिद्धांतों को कायम रखते हुए पंजाब मंत्रीमंडल ने आज राज्य में भूजल के तेज़ी से गिर रहे स्तर को ज़ोरदार ढंग से रोकने के लिए ज़रुरी प्रशासकीय और कानूनी कदम उठाने का दृढ़ निश्चय किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने अपने प्रस्ताव में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के किनारों को नहरों की तजऱ् पर बाँधने के लिए सक्रिय कदम उठाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिससे पानी के सभ्य प्रयोग को यकीनी बना कर भूजल को बचाने के अलावा इसको खराब होने से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने अगली पीढ़ीयों के लिए भूजल को बचाने की अहमीयत को बताते हुए चेतावनी दी कि यदि हम अपनी जि़म्मेदारी निभाने में नाकाम रह गए तो पंजाब मरूस्थल में तबदील हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हरेक नागरिक का फज़ऱ् बनता है कि वह बेशकीमती प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए राज्य सरकार के यत्नों में अपना सहयोग दे क्योंकि यह प्राकृतिक स्त्रोत मानवता की जीवन धारा है। राज्य के 85 प्रतिशत हिस्से के भूजल का स्तर गिर रहा है जो सालाना औसतन 50 सैंटीमीटर की दर से नीचे जाता है। इस संबंधी चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘डायनैमिक ग्राऊंड वाटर ऐस्टीमेशन रिर्पोट -2017’ के मुताबिक राज्य के 138 ब्लॉकों में से 109 ब्लॉक भूजल का बहुत ज़्यादा प्रयोग कर लेने वाली कैटेगरी में शामिल हैं। उन्होंने यह भी सचेत किया कि पंजाब के इस संकट को आँखों से औझल नहीं किया जा सकता।