Kerala High Court Clears Malayalam Magazine’s photo of breastfeeding
सुंदरता दर्शक की आंखों में बसी होती है, वैसे ही शायद अश्लीलता भी दर्शक की निगाह में होती है
नेशनल डेस्कः केरल हाईकोर्ट का मलयालम भाषा की एक पाक्षिक पत्रिका के खिलाफ लगाई गई याचिका खारिज करते हुए मार्च में दिया गया आदेश बृहस्पतिवार को सभी के सामने सार्वजनिक किया गया। अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी के लिए जो अश्लीलता है, दूसरे के लिए कलाकारी हो सकती है। एक आदमी के लिए बेहूदगी, दूसरे के लिए गीता जैसी हो सकती है। ये याचिका पत्रिका के मुखपृष्ठ पर एक महिला मॉडल को बच्चे को स्तनपान कराते हुए दिखाने के कारण कार्रवाई की मांग करते हुए लगाई गई थी। तत्कालीन चीफ जस्टिस एंटोनी डोमिनिक (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने फेलिक्स एमए नाम के आदमी की तरफ से लगाई गई इस याचिका को खारिज करते हुए कहा, हम अपने श्रेष्ठ प्रयास के बावजूद इस तस्वीर में अश्लीलता नहीं देख पा रहे हैं। ना ही इसके कैप्शन में एक आदमी के लिए कोई आपत्तिजनक बात खोज पाए हैं। हमने इस तस्वीर को उसी नजर से देखा है, जिनसे हम राजा रवि वर्मा जैसे चित्रकारों की पेंटिंग देखते हैं। जैसे सुंदरता दर्शक की आंखों में बसी होती है, वैसे ही शायद अश्लीलता भी दर्शक की निगाह में होती है।