इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए तमिलनाडु की मस्जिदों में चलने वाली शरिया कोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में याचिकाकर्ता का कहना है कि चेन्नई की शरिया अदालत ने जबरदस्ती उसके तलाक का एलान कर दिया। याचिका दायर करने वाले 29 वर्षीय अब्दुल रहमान सेल्स इंजीनियर हैं और खाड़ी में काम करते हैं। उनका कहना है कि एक शरिया अदालत ने उन पर पत्नी को तलाक देने का दबाव डाला। याचिका में कहा गया कि मक्का मस्जिद शरियत काउंसिल के अंदर चलने वाली शरिया कोर्ट शादी के विवाद सुनती है और सामान्य अदालतों की तरह पार्टियों को बुलाती व तलाक के आदेश जारी करती है। इसमें मांग की गई कि भोलेभाले मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए कोर्ट दखल दे। चीफ जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम सुंदर ने याचिका पर सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि राज्य में इस तरह की सभी अनाधिकारिक अदालतें बैन की जाती हैं। कोर्ट ने पुलिस से चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। शरिया कोर्ट को बैन करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि धार्मिक स्थान और पूजा की अन्य जगहें केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए है।