इंडिया न्यूज सेंटर, जयपुर: भारत में महिलाओं को इन दिनों दिल के रोगों का गंभीर खतरा है। इसके कारणों में अत्यधिक ट्रांस फैट, चीनी और नमक वाला खाना, कम शारीरिक व्यायाम, बढ़ता तनाव, शराब और सिगरेट जैसे हानिकारक पदार्थों की लत सहित अन्य कई चीजें शामिल हैं। दिल के रोगों का खतरा सबसे ज्यादा 35 से 44 साल की उम्र की महिलाओं को है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में दिल के रोगों की मौजूदगी ही इसके पता चलने को और मुश्किल कर देती है। उदाहरण के लिए महिलाओं में यह रोग पुरुषों के मुकाबले 10 साल देर से आता है और इसमें खतरा ज्यादा होता है। महिलाओं में दिल के रोग के दौरान आम तौर पर होने वाला सीने का दर्द भी बहुत कम होता है और ट्रेडमिल टैस्ट में भी उच्च स्तर का पॉजिटिव रेट गलत हो सकता है। महिलाओं में अक्सर शुरुआत में दिल का दौरा पडऩे जैसे स्पष्ट संकेत मिलने के बजाए सीने का दर्द होता है। छोटी नाड़ी का रोग भी आम तौर पर महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है। महिलाओं में दिल के रोग होने के स्थापित कारणों में पहले कभी दिल में ब्लॉकेज होना, उम्र 55 साल से ज्यादा होना, बैड कोलेस्टरॉल और गुड कोलेस्टरॉल, डायबिटीज, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, पेरिफेरल धमनी रोग या परिवार में पहले से किसी को दिल का रोग होना शामिल है।