Vijay Mallya Says Before Leaving Country, Finance Minister Arun Jaitley Had Met
नेशनल डेस्कः देश से भगोड़ा घोषित किए जा चुके शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को अपने मामले को अलग ही रंग देने की कोशिश की है। उन्होंने बिना बताए देश से भाग आने की बात को गलत ठहराते हुए कहा कि वे आने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलकर आए थे। माल्या की देश से फरारी के समय वर्ष 2016 में अरुण जेटली ही वित्त मंत्री के पद पर थे। परेशान चल रहे किंगफिशर एयरलाइंस के 62 वर्षीय बॉस रहे विजय माल्या ने ये बात मीडिया से तब कही, जब वे बुधवार को यहां अपने प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के लिए वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से माल्या ने कहा, मैंने जिनेवा में पहले से तय बैठक के लिए देश छोड़ा था। मैं देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मिला था और बैंकों के साथ समझौते का अपना ऑफर दोहराया था। यही सच है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं राजनीतिक फुटबॉल बन गया हूं। इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता। मैंने करीब 15 हजार करोड़ की कीमत वाली संपत्ति कर्नाटक हाईकोर्ट के सामने पेश की थी। उन्होंने आगे कहा, मीडिया को बैंकों से सवाल करना चाहिए कि वे मेरे पैसा वापसी के प्रयासों का समर्थन क्यों नहीं कर रहे।
क्या है मामला
पूर्व राज्यसभा सांसद और देश के सबसे बड़े शराब कारोबारी रहे विजय माल्या पर बैंकों से करीब 9 हजार करोड़ रुपये कर्ज के रूप में लेकर वापस नहीं करने का आरोप है। उन पर बैंकों के साथ ये फ्रॉड करने के अलावा इस पैसे को मनी लांड्रिंग के जरिए दूसरी जगहों पर लगाने का आरोप भी है। 2016 में इस पैसे को लौटाने का दबाव बनने पर वह देश छोड़कर लंदन भाग गए थे।
सांसद होने का लाभ उठाया था माल्या ने : जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या के बयान को पूरी तरह झूठा बताया है। उन्होंने कहा, 2014 से मैंने उसे मिलने के लिए समय ही नहीं दिया और मुझसे मिलने का सवाल भी नहीं उठा। हालांकि जबसे माल्या राज्य सभा सदस्य बना था और कई बार सदन भी आया। महज एक बार उसने अपने सांसद होने का लाभ उठाया था। जेटली ने आगे कहा, जब मैं सदन से बाहर अपने कमरे की तरफ जा रहा था तो माल्या ने तेजी से मेरे पास आकर साथ चलते हुए कहा था कि मैं समझौते (बैंकों से) का प्रस्ताव देना चाहता हूं। मैं उसके पुराने ‘झूठे प्रस्तावों’ के बारे में पूरी तरह से जानता था, इसलिए 40 सेकंड की इस मुलाकात में उसे आगे बोलने का मौका दिए बिना मैंने विनम्रता से कहा था कि इसमें मुझसे बात करने का मुद्दा नहीं है और आपको अपना प्रस्ताव अपने बैंकरों को बताना चाहिए। जेटली ने कहा, मैंने माल्या से उनके हाथ में मौजूद प्रस्ताव के कागजात भी नहीं लिए थे। माल्या के अपनी राज्यसभा सांसद होने की हैसियत का दुरुपयोग कर की गई इस एक लाइन की वार्ता के अलावा मेरे ऊपर उसे मुलाकात का समय देने का कोई सवाल खड़ा नहीं होता है।
केजरीवाल ने रिट्वीट किया सुब्रमण्यम स्वामी का एक पुराना ट्वीट
विजय माल्या के वित्त मंत्री से मिलने का बयान देने के तत्काल बाद आप के अध्यक्ष व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के 3 महीने पहले 12 जून को किए गए एक ट्वीट को रिट्वीट किया। इस ट्वीट में स्वामी ने लिखा था, माल्या देश नहीं छोड़ सकता था, क्योंकि हवाई अड्डों पर उसके खिलाफ कड़ा लुक आउट नोटिस जारी हो चुका था। इसके बाद वो दिल्ली आया और उसने किसी प्रभावी शख्स से मुलाकात की, जो विदेश जाने से रोकने वाले उस नोटिस को बदल सकता था। वो शख्स कौन था, जिसने नोटिस को कमजोर किया? साथ ही केजरीवाल ने ट्वीट किया कि देश छोड़ने से पहले नीरव मोदी की प्रधानमंत्री से मुलाकात और माल्या की वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात से क्या साबित होता है, यह लोग जानना चाहते हैं।
सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए : कांग्रेस
कांग्रेस के प्रवक्ता डा. अभिषेक मनु सिंघवी ने माल्या के बयान के बाद भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा कि माल्या के बयान के बाद भी हमें मूल मुद्दे का उत्तर नहीं मिल रहा है। वो अरुण जेटली से कहां मिले और ऑफर किया। माल्या जेटली से संसद में चलते-फिरते नहीं मिले होंगे। इसका मतलब औपचारिक रूप से मिले होंगे और बातचीत हुई होगी। इसकी जांच होनी चाहिए और सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।