इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को एक पत्र लिखकर समाज के आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को निशुल्क खाद्य पदार्थो के वितरण पर लगती 5 प्रतिशत जी एस टी को तुरंत वापिस लिए जाने की मांग की है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लगाए गए इन टैक्सों को लोगों के लिए एक जानलेवा कदम बताया। उन्होंने अमीरों और गरीबों में अंतर बढऩे के नुक्ते पर बल देते हुए कहा कि इस समय किसान कर्जे तले दबे जा रहे हैं और आत्महत्याओं जैसे कदम उठा रहे हैं जिसके कारण वर्तमान समय आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्गों (ई.डब्लयू.एस.) की भलाई के लिए अन्य प्रोग्राम शुरू करने की ज़रूरत है। जी.एस.टी. कौंसिल द्वारा अपनी सरकार को प्राप्त हुए नये टैक्सों संबंधी प्रारूप अधिसूचना की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे टैक्सों का एकमात्र प्रभाव यह है कि कल्याण योजनाओं के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया टैक्स केवल राज्य सरकार पर पड़ेगा और राज्य सरकार को इन वस्तुओं पर सी.जी.एस.टी. का भुगतान करने की ज़रूरत होगी। आज यहां एक प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में जेटली के निजी दख़ल की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने इस फ़ैसले की पुन: समीक्षा करने की मांग की है और बड़े सार्वजनिक हितों के लिए इस फ़ैसले को वापस लेने के लिए ज़ोर डाला है। जी.एस.टी. कौंसिल ने 16 अक्तूबर, 2017 को अपनी 22वीं बैठक में समाज के आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्गों को निशुल्क वितरण के लिए कंटेनरों में तैयार किये जाते भोजन पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. लगाने का फ़ैसला किया था। अधिसूचना अधीन सी.जी.एस.टी. 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है और सूबा सरकार से यह उसी दर से प्राप्त किया जायेगा।