केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेशी मामलों बारे मंत्रालय को लिखे पत्र
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगड़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारत सरकार को नशो के विभिन्न मामलों में भगौड़ेे घोषित किए गए 10 प्रवासी भारतीयों की सुपुर्दगी का मसला कैनेडा सरकार के समक्ष उठाने के लिए पत्र लिखा है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेशी मामलों संबंधीे मंत्री सुषमा स्वराज को लिखे विभिन्न पत्रों में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मामलों में सुपुर्दगी की प्रक्रिया पिछले 3-4 सालों से लम्बित है जो दोषियों को न्याय के कटघरो में लाने के लिए सरकार के यत्नों में रुकावट बना हुआ है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार ने नशों के विरुद्ध शुरु की हुई जंग की श्रृंखला के तौर पर कैनेडा से इन लोगों की सुपुर्दगी के लिए यत्न पहले ही शुरू किए हुए हैं परन्तु इसमें बाधा बनी हुई है क्योंकि विभिन्न स्तर पर यह मामले लम्बित हैं। एक सरकारी प्रवक्ता मुताबिक सरकार ने इन संदिग्धों की सुपुर्दगी का मामला ज़ोरदार ढंग के साथ उठाने का फ़ैसला किया है क्योंकि पंजाब में नशों के नैटवर्क की समुची श्रृंखला को कायम करने और इन धंधो को संक्षरण देनेे वाले के चेहरे बेनकाब करने के लिए इन प्रवासी भारतीयों की हिरासती पूछ ताछ करनी अहम है। इन मामलों का विस्तार में हवाला देते मुख्यमंत्री ने बताया कि सरबजीत सिंह संधड़ उर्फ निक्क पुत्र स्वर्गीय अजायब सिंह निवासी गाँव बालियों थाना समराला जो इस समय पर वैनकूवर में रह रहा है, 19 अक्तूबर 2013 को भगौड़ा घोषित किया गया था। उसकी सुपुर्दगी के लिए कैनेडियन अथारटी को उचित स्तर पर विनती पत्र भेजा गया और इस के बाद उनकी तरफ से सांझे किये दिशा -निर्देशों मुताबिक नये सिरे से पत्र तैयार किया गया। संशोधित पत्र केंद्रीय ग्रह मंत्रालय को भेज दिया गया जो 20 जुलाई, 2017 को केंद्रीय विदेश मंत्रालय को भी भेजा गया। ऐसे ही एक अन्य केस की मिलती- जुलती स्थिति है जिस में रणजीत सिंह औजला पुत्र स्वर्ण सिंह औजला निवासी गाँव मुठड्डा कलाँ, थाना फिल्लौर, जिला जालंधर शामिल है। इसकी सुपुर्दगी का पत्र भी 25 जुलाई, 2017 से लम्बित है। इसको 31 अगस्त, 2013 में भगौड़ा घोषित किया गया था। मुख्यमंत्री ने पुलिस के विवरणों का जि़क्र करते बताया कि एक अन्य केस में निरंकार सिंह ढिल्लों पुत्र जगदीश सिंह निवासी गांव अपरा मंडी, थाना फिल्लौर, जिला जालंधर को 19 अक्तूबर 2013 को भगौड़ा घोषित किया गया और इस समय पर कैनेडा के लीटकैंचर सर्कल बरैंपटन में रह रहा है। इसकी सपुदर्गी सम्बन्धित स्तर 19 सितम्बर, 2017 से लम्बित है।इसी तरह गुरसेवक सिंह ढिल्लों पुत्र कुलवंत सिंह निवासी लीला मेघ सिंह, थाना जगरावां, कैनेडा के सरी में रह रहा है जिस को 1 अप्रैल, 2014 को भगौड़ा घोषित किया गया। इसकी सपुदर्गी के लिए पत्र केंद्रीय ग्रह मंत्रालय द्वारा 20 जुलाई,2017 को केंद्रीय विदेश मंत्रालय को भेजा गया परन्तु उस समय से ले कर इस संबंधी कोई हलचल नहीं हुई। गुरसेवक सिंह ढिल्लों खि़लाफ़ थाना जगरावां में भी केस दर्ज है जिसकी सपुदर्गी लम्बित है। इसी तरह 31 अगस्त, 2013 को भगौड़ा घोषित किया गये अमरजीत सिंह कूनर पुत्र सरूप सिंह निवासी महमदपुर, थाना आदमपुर, जिला जालंधर इस समय पर वैनकूवर में रह रहा है जबकि लमेर सिंह दलेह पुत्र बलिहाल सिंह दलेह निवासी गाँव महिसमपुर, थाना फिल्लौर, जिला जालंधर इस समय पर ब्रिटिश कोलम्बिया में रह रहा है और उसकी सपुदर्गी संबंधी प्रक्रिया लटकी हुई है। इसी तरह लम्बित पड़े सपुदर्गी के अन्य मामले में प्रदीप सिंह धालीवाल पुत्र बग्गा सिंह निवासी लीला मेघ सिंह, थाना जगरावां, अमरिंदर सिंह छीना उर्फ लाडी पुत्र कुलदीप सिंह छीना निवासी झंजोटी, थाना राजासांसी, जिला अमृतसर और परमिन्दर सिंह दो उर्फ पिन्दी अंकल पुत्र प्रीतम सिंह निवासी गांव खरौड़ी, थाना माहलपुर, जिला होशियारपुर से सम्बन्धित हैं। अंतिम विनती पत्र रणजीत कौर काहलों पत्नी अनूप सिंह काहलों उर्फ रूबी काहलों निवासी गाँव जंडू सिंह, थाना मकसूदें, जिला जालंधर, मौजूदा पता निवासी मकान नंबर -7, शिवालिक विहार ज़ीरकपुर के साथ सम्बन्धित है और उसने नशों के धंधो के पैसो के साथ जालंधर और ज़ीरकपुर में अपने पति के नाम पर कई जायदादों खरीदीं। इस विरुद्ध भी सपुदर्गी की अर्जी लबिंत है।