जितेंद्र शर्मा , पठानकोट : मृदुला ओबरॉय की मेहनत रंग लाई और उन्होंने सफलता की नई इबारत लिख दी। पठानकोट की मृदुला ओबरॉय ने मिसेज इंडिया अर्थ 2016 के फाइनल में टॉप-5 विनर्स का मुकाम हासिल कर लिया। देश की राजधानी दिल्ली में 41 प्रतिभागियों के बीच फाइनल हुआ। बहुत ही कड़े मुकाबले में 37 प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए मृदुला ने चौथा स्थान हासिल किया। मृदुला कहती हैं कि छह पड़ावों में होने वाले इस फाइनल में टॉप-5 में जगह बनाना इतना आसान नहीं था। चूंकि इस प्रतियोगिता में देश से ही नहीं विदेश से भी कई प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मृदुला ओबरॉय को मिसेज इंडिया अर्थ-फेस ऑफ नॉर्थ 2016 का मेन टाइटल व सब टाइटल में सूशीयो ब्यूटीफुल फीट का टैग दिया गया है। प्रतियोगिता में चौथे नंबर पर रहने पर मृदुला को वल्र्ड पीस डेवलपमेंट एंड रिसर्च फाऊंडेशन की आजीवन सदस्यता भी दी गई है। यही नहीं फाऊंडेशन उन्हें बड़े या छोटे पर्दे पर अभिनय करने का अवसर भी देगी। इसके अलावा मृदुला को सूशीयो कंपनी के जनवरी में होने वाले कार्यक्रम में बॉलीवुड सितारों के साथ रैंप वॉक का मौका मिलेगा।
परिवार के सहयोग के बिना जीत मुश्किल थी
मेरी जीत का श्रेय मेरे परिवार व मेरे फैंस को जाता है। इस मुकाम पर पहुंच पाना और भी मुश्किल हो जाता यदि परिवार का सहयोग नहीं मिलता। यह कहना है मृदुला ओबरॉय का। प्रतियोगिता में करीब 2 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। फरवरी में शुरू हुई इस प्रतियोगिता के लिए फोटो-वीडियो शूट, फिटनेस, प्लांटेशन जैसे विभिन्न प्रकार के टास्क करवाए गए। इसके बाद 41 प्रतिभागियों को फाइनल के लिए शार्टलिस्ट किया गया। फाइनल में छह चरणों से उन्हें गुजरना पड़ा। इन चरणों में इंटरव्यू, परफार्मेंस राऊंड, स्पोट्र्स राऊंड, ट्रेडिशनल राऊंड, इवनिंग गाऊन राऊंड द्वारा 41 प्रतिभागियों में से कुछ प्रतिभागी शॉर्टलिस्ट किए गया और फिर इन बीस में क्यूएंडए सेशन में विजेता चुने गए। फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी मृदुला ओबरॉय कहती हैं कि क्यूएंडए सेशन में उनसे पूछा गया कि उनके लिए नारीत्व का सार क्या है जिसका जवाब निर्णायकों को बेहद पसंद आया। उन्होंने कहा कि नारीत्व का अर्थ सहनशीलता, प्यार बांटना व आत्मविश्वास है। महिलाएं परिवारिक रिश्तों को ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी अहम भूमिका निभाती हैं। मृदुला ओबरॉय का मानना है कि हर इंसान अपनी जिंदगी का पायलट खुद होता है यानि हर कोई अपनी जिंदगी को किसी भी मंजिल तक खुद ले जा सकता है बस जरूरत है दृढ़ निश्चय और मेहनत की। उन्होनें बताया कि यदि उन्हें फिल्मों या छोटे पर्दे पर काम करने का अवसर मिलता है तो वह पारंपरिक स्क्रिप्ट पर काम करना पसंद करेंगी। इसके अलावा उनका सपना पंजाबी गायक व अभिनेता दिलजीत दोसांझ के साथ काम करने का है।